• April 20, 2024 7:40 pm

दसवीं फेल मुस्तफा ने 500 मीटर के स्क्रॉल पेपर पर लिख दी कुरान, 11 महीने का लगा समय

27 जुलाई 2022 बांदीपोरा जिले के गुरेज के रहने वाले 27 वर्षीय मुस्तफा इब्न जमील ने 500 मीटर के स्क्रॉल पेपर पर सुलेखन (कैलीग्राफी) के जरिये कुरान लिखी है। इस काम में सात महीने लगे। मुस्तफा का दावा है कि उनकी उपलब्धि को लिंकन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। लिंकन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर इसका उल्लेख किया है। कागज की चौड़ाई 14.5 इंच और लंबाई 500 मीटर है। यह आयोजन नई दिल्ली में किया गया था।

मुस्तफा ने बताया कि मैट्रिक पास नहीं कर पाने के बाद उन्होंने सुलेख का काम शुरू किया क्योंकि वह गणित में कमजोर थे और हमेशा रिश्तेदारों और अन्य ग्रामीणों के ताने झेलते थे। इसने उन्हें कुछ अनोखा करने के लिए प्रेरित किया। कहा कि शुरू में उन्होंने अपनी लिखावट में सुधार के लिए सुलेख का काम शुरू किया। सबसे पहले उन्होंने वर्ष 2017-18 में कुरान के एक अध्याय के साथ शुरुआत की और ऐसा करके आनंद मिला। इसमें उन्हें 11 माह लगे।

उनके द्वारा पूरा किए गए एक अध्याय का वजन 21 किलो था। पृष्ठ 450 थे। उन्होंने कहा कि यह काम उन्होंने बिना किसी पेशेवर प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में पूरा किया। मुस्तफा ने कहा कि इसे पूरा करने के बाद उन्होंने कुछ नया और अनोखा करने का फैसला किया। जब उन्हें विश्वास हो गया कि वह कुछ अच्छा कर सकते हैं तो उन्होंने पवित्र कुरान को सुलेख के माध्यम से स्क्रॉल पेपर पर लिखने का फैसला किया। कश्मीर में उनके पास स्क्रॉल पेपर नहीं था।

इसके चलते उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला किया। वहां इसकी व्यवस्था करने में दो महीने लग गए। मुस्तफा के मुताबिक इसके लिए जो स्क्रोल पेपर का इस्तेमाल किया गया वो आर्ट पेपर-135 जीएसएम था। 27 जनवरी 2022 को उन्होंने लिखने का काम शुरू किया। यह 3 महीने के भीतर खत्म हो गया। इसके बाद उन्होंने बॉर्डर बनाने का कार्य शुरू किया जिसे एक महीने का समय लगा और बॉर्डर बनाने के लिए करीब 13 लाख डॉट्स का इस्तेमाल किया गया।

इसके बाद एक महीने के भीतर लैमिनेशन का कार्य पूरा किया गया। उन्होंने बताया कि पूरे प्रोजेक्ट में 2.5 लाख रुपए खर्च हुए। इसे पूरा करने में सात माह लगे। युवा कॉलिग्राफर मुस्तफा ने दावा किया कि उनके काम का जल्द ही एशियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में उल्लेख होगा, जिसके लिए दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया जारी है।

Source;-“अमर उजाला”  

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