आगरा. जिलाप्रशासन की तरफ से अवैध रूप से कब्जे को मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. 144 साल पुराना मानचित्र राजस्व विभाग को मिल गया है. बताया जा रहा है कि इस मानचित्र में आगरा से दिल्ली तक जाने वाली नहर पर कब्जा किया गया है. गुरुवार से कब्जे को मुक्त कराने की दिशा में राजस्व विभाग और नगर निगम की टीम साथ मिलकर काम करेगी.
जानाकारी के अनुसार ब्रिटिश काल में जीवनी मंडी के जोंस मिल से दिल्ली तक नहर के जरिए व्यापार किया जाता था. इस व्यापार को करने के लिए आगरा की सीमा में तीन गोदी (छोटे बंदरगाह) बनाए गए थे.
बताया जाता है कि इसी जगह पानी के छोटे जहाज रुककर सामानों को उतारा करते थे. नहर की दोनों ओर 175×175 फुट की साइड पटरियों को भी बनाया गया था. अब ये पटरियां वहां नहीं हैं. इन पटरियों पर लोगों ने कब्जे कर लिए हैं. इसके अलावा नहर पर ही भूमाफिया ने कब्जा कर लिया है.
जिले की एडीएम प्रशासन निधि श्रीवास्तव ने मामले को लेकर कहना है कि नहर पर कई स्थानों पर कब्जे किए गए हैं. कई जगहों पर कब्जे तो ऐसे है कि पटिरयां पूरी तरह से गायब हो गई हैं. निधि श्रीवास्तव ने बताया कि इन पटरियों का सीमांकन कराकर अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाएगा. मानचित्र से स्पष्ट होता है कि एक गोदी आस्था सिटी सेंटर के पास बनाई गई थी. वहीं, दूसरी गोदी पदम प्राइड के पास बनाई गई थी. जबकि, तीसरी गोदी भगवान टाकीज के तुलसी सिनेमा के आगे बनाई गई थी.