धमतरी। गर्मी शुरू होने के साथ जंगलों में अब हरा सोना के नाम से जाने जाने वाला तेंदू पत्ता शीघ्र निकलेंगे। इसकी तोड़ाई से जिले के 29500 वनांचलवासियों को रोजगार मिलेगा। साथ ही कई तरह की अन्य सुविधाएं शासन से प्राप्त होगी। वहीं वन विभाग ने तेंदूपत्ता खरीद की तैयारी शुरू कर दी है।
धमतरी जिले में 14854 हेक्टेयर वन क्षेत्र है, जिसमें आठ रेंज है। संचालित रेंजों में उत्तर सिंगपुर, दक्षिण सिंगपुर, धमतरी, केरेगांव, दुगली, नगरी, सांकरा, और बिरगुड़ी शामिल हैं। इन क्षेत्रों में हर साल तेंदूपत्ता की तोड़ाई होती है, जिससे उन्हें रोजगार मिलता है।
मार्च माह शुरू होने के साथ आसमान से तेज धूप व गर्मी का अहसास शुरू हो गया है। अब जंगल में तेंदू की नई पत्तियां आने लगी है। अप्रैल-मई माह से इन पत्तों की तोड़ाई शुरू होगी। तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए जिले के मगरलोड, नगरी और धमतरी ब्लाक के वनांचलवासियों को रोजगार मिलता है।
वहीं वन विभाग फसल आने से पहले खरीदी की तैयारी में जुट गया है। इस साल जिले में 27300 मानक बोरा खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 4000 रुपये मिलता है। जिले में खरीदी व संग्रहण के लिए 238 फड़ है। यहां 29590 लोग तेंदूपत्ता तोड़कर जमा करेंगे।
पिछले साल लक्ष्य की पूर्ति नहीं
पिछले साल तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए 19100 मानक बोरा का लक्ष्य रखा गया था, जिसकी पूर्ति नहीं हो पाई। करीब 17000 मानक बोरा ही तेंदूपत्ता की खरीदी हो पाई थी। लक्ष्य पूर्ति नहीं होने का मुख्य कारण अछोटा क्षेत्र में खराब मौसम को बताया गया था।
उल्लेखनीय है कि तेंदूपत्ता तोड़ने के समय यदि मौसम साफ रहा, तो लक्ष्य की पूर्ति होने में समय नहीं लगता। यदि बादल वाला मौसम रहा तो परेशानी होती है। कीट प्रकोप से तेंदूपत्ता खराब हो जाता है। वहीं बेमौसम बारिश से एकत्र तेंदूपत्ता खराब हो जाता है।
इस संबंध में वन विभाग के तेंदूपत्ता शाखा प्रबंधक केके नागवंशी ने बताया कि तेंदूपत्ता खरीदने के लिए इस साल 27300 मानक बोरा का लक्ष्य रखा गया है। लक्ष्य की पूर्ति के लिए विभाग की ओर से पूरी कोशिश रहेगी।