रांची : कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच झारखंड में अनलॉक 4.0 की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. लोग अब अपने जिला से दूसरे जिलों में जा सकेंगे. मंगलवार (1 सितंबर, 2020) से राज्य में 3,000 बसें सड़कों पर दौड़ने लगेंगी. यात्रा करने में सहूलियत तो होगी, लेकिन लोगों को इसके लिए दोगुना किराया देना पड़ सकता है.
बताया जा रहा है कि झारखंड बस ओनर्स एसोसिएशन की 14 जिलों में हुई बैठक में 70 से 100 फीसदी किराया बढ़ाने की मांग रखी गयी है. सोमवार (31 अगस्त, 2020) को परिवहन सचिव को एसोसिएशन की ओर से बस किराया सहित अन्य मांगों को लेकर एक पत्र सौंपा जायेगा.
लॉकडाउन में राज्य सरकार की ओर से दी गयी छूट के बाद झारखंड की सड़कों पर रविवार (30 अगस्त, 2020) से ही इक्का-दुक्का बसें सड़कों पर चलती दिखीं. एक सितंबर से करीब तीन हजार बसों का परिचालन विभिन्न मार्गों पर शुरू हो जायेगा. रविवार को झारखंड बस ओनर्स एसोसिएशन की अब तक 14 जिलों में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.
बैठक के बाद बताया गया कि अब यात्रियों को पहले की तुलना में डेढ़ गुणा से अधिक किराया देना पड़ेगा. यह दोगुना भी हो सकता है. बैठक में 13 जिलों के एसोसिएशन ने बसों का किराया 70 से 100 फीसदी तक बढ़ाने की वकालत की है. अंतिम निर्णय से झारखंड बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएन सिंह व अन्य पदाधिकारी सोमवार को राज्य के परिवहन सचिव को अवगत करायेंगे.
सूत्र बता रहे हैं कि परिवहन सचिव के साथ बैठक में क्या तय होगा, यह तो सोमवार को ही पता चलेगा, लेकिन इतना यह है कि लॉकडाउन जब तक पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता, लोगों को मार्च, 2020 की तुलना में डेढ़ से दो गुणा तक किराया चुकाना होगा. राज्य में करीब 10 हजार बसें है. इसमें 8 हजार को राज्य के अंदर विभिन्न मार्गों पर चलने का परमिट प्राप्त है.
करीब दो हजार बसों के पास अंतरराज्यीय परमिट है. लगातार पांच महीने तक बसों से नहीं चलने से कई बस मालिकों की आर्थिक हालत खस्ता है. इसलिए न तो वे अपनी बसें ठीक करवा पा रहे हैं, न ही स्टाफ को एडवांस देने की स्थिति में हैं.
यही वजह है कि एक सितंबर से फिलहाल तीन हजार के करीब ही बसों का विभिन्न मार्गों पर परिचालन शुरू होगा. स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने पर बसों की संख्या में वृद्धि की जायेगी. उल्लेखनीय है कि अभी तक रामगढ़, लोहरदगा, दुमका, गोड्डा व बोकारो जिले में बस एसोसिएशन की बैठक शायद नहीं हुई है.