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गुजरात से इन प्राणी संग्रहालयों में भेजे जाएंगे 40 एशियाई शेर

ByPrompt Times

Jul 29, 2021

र्मदा जिले के केवड़िया में बनी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास बनाए गए प्राणी संग्रहालय में देश के विभिन्न राज्यों से विविध नस्ल के जंगली पशु लाने के बदले गुजरात 40 एशियाई शेर इन राज्‍यों को भेजेगा।

29-जुलाई-2021 | गुुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में बनी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास बनाए गए प्राणी संग्रहालय में देश के विभिन्न राज्यों से विविध नस्ल के जंगली पशु लाने के बदले गुजरात 40 एशियाई शेर इन राज्‍यों को भेजेगा। दिल्ली प्राणी संग्रहालय में भी अब गुजरात के शेर दहाड़ेंगे। बदले में वहां से हिप्‍पोपोटामस व खास नस्‍ल के हिरण केवड़िया लाए जाएंगे। केवड़िया को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाने के साथ यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्राणी संग्रहालय भी विकसित किया जा रहा है। गुजरात सरकार ने वन्यजीव प्राणियों के आदान-प्रदान को हरी झंडी दे दी है। इसके तहत गुजरात के जूनागढ़ में बने सकर बाग जू से 40 एशियाई शेर और शेरनियों को देश के विविध प्राणी संग्रहालय में भेजा जाएगा। इनमें नई दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, आसाम तथा भोपाल शामिल हैं।

गुजरात के मुख्य वन्य जीव संरक्षण श्याम टीकादार बताते हैं कि इन शहरों से गुजरात के केवड़िया में दो हिप्पोपोटामस, पांच हिरण सहित विविध नस्ल के वन्य जीव लाए जाएंगे। दिल्ली के प्राणी संग्रहालय में ब्रीडिंग के लिए एक शेर व दो शेरनिया भी भेजे जाएंगी। विभिन्न राज्यों के साथ वन्यजीव आदान-प्रदान के लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी अनिवार्य होती है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इसे हरी झंडी दे दी है। दिल्ली प्राणी संग्रहालय से यहां दो हिप्पोपोटामस तथा पांच ब्रोएंटलर्ड डियर (हिरण), लाए जाएंगे। गुजरात के सक्करबाग जू के 85 शेरों सहित 115 शेर प्राणी संग्रहालयों में रह हैं। राजस्थान या दक्षिण भारत से घड़ियाल लाए जाएंगे। इसके अलावा सकरबाग जू से रींछ का एक जोड़ा भी केवड़िया भेजा जाएगा। गौरतलब है कि गुजरात के गीर जंगल में एशियाई शेरों की संख्‍या अब सात सौ के पार हो गई है। कोरोना महामारी के चलते गत वर्ष शेरों की गणना नहीं की जा सकी थी, लेकिन इस बार मई-जून 2021 में पूर्णिमा अवलोकन (ब्‍लॉक काउंट मेथड) से वनकर्मियों ने शेरों की गणना की। गुजरात में सौराष्‍ट्र स्थित गीर जंगल एशियाई शेरों की शरणस्‍थली है। वर्ष 2015 में यहां शेरों की संख्‍या 523 थी, जो अब बढ़कर 710 से 30 के बीच पहुंची है। वनमंत्री गणपत सिंह वसावा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि गुजरात के गीर जंगल में शेरों की संख्‍या सात सौ के पार हो गई है। सरकार ने शेरों की बढ़ती संख्‍या को देखते हुए इनके लिए संरक्षित वन के क्षेत्रफल को 22 हजार वर्ग किमी से बढ़ाकर 30 हजार वर्ग किमी किया है। गीर जंगल में हर पांच साल में शेरों की गणना होती है तथा हर साल पूनम अवलोकन (ब्‍लॉक काउंट मेथड) के जरिए शेरों की संख्‍या का अनुमान लगाया जाता है। इसमें पूर्णिमा को अपरान्ह दो बजे से अगले दिन अपरान्ह बजे तक हरेक ब्‍लॉक में स्थित शेरों की अनुमानित संख्‍या का पता लगाया जाता है। ब्‍लॉक काउंट मेथड के कारण इसमें नर व मादा की गणना अलग-अलग नहीं की जाती है

Source;-“जागरण”

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