22जनवरी 2024
जी हां, सर्दी के मौसम में साल के पहले महीने जनवरी 2024 में बांग्लादेश में चुनाव शुरू हो जाएंगे. यहां मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की ओर से सरकार विरोधी प्रदर्शन किए जा रहे हैं. BNP के कई बड़े नेता जेल में या देश से बाहर हैं. इस विपक्षी पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर पीएम शेख हसीना इस्तीफा देकर केयरटेकर गवर्नमेंट को सत्ता नहीं सौंपती हैं तो वह चुनाव का बहिष्कार करेगी. हसीना का मूड अलग लग रहा है. उधर, अमेरिका और चीन की टेंशन का केंद्र बिंदु रहे ताइवान को भी 13 जनवरी को नया प्रेसिडेंट मिलेगा.
साल के दूसरे महीने में दिन कम होंगे लेकिन चुनावी गहमागहमी ज्यादा रहेगी. दुनिया के दो मुस्लिम देशों- पाकिस्तान और इंडोनेशिया में वोटिंग होगी. भ्रष्टाचार के आरोपों में इमरान खान को पीएम पद से हटाए जाने के बाद पहली बार पाकिस्तान में चुनाव होने जा रहे हैं. खान जेल में हैं लेकिन चुनाव में उनकी चर्चा काफी हो रही है. उधर, इंडोनेशिया में दुनिया में एक दिन का सबसे बड़ा चुनाव होगा जिसमें देश के 200 मिलियन वोटर हिस्सा लेंगे.
हां, 17 मार्च को रूस में चुनाव है. वह 71 साल के जरूर हो जाएंगे लेकिन व्लादिमीर पुतिन आगे भी राष्ट्रपति बने रह सकते हैं. तमाम विरोधों के बावजूद पुतिन ने जीवनभर पद पर रहने की तैयारी कर रखी है.
दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में अप्रैल और मई के महीने में वोटिंग हो सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी पारी को लेकर आश्वस्त हैं. उधर कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी को पीएम के तौर पर प्रोजेक्ट करने की कोशिशों में लगी हुई है. 28 विपक्षी दलों ने मिलकर I.N.D.I.A गठबंधन बनाया है लेकिन हाल के विधानसभा चुनावों में जिस तरह से जनता ने पीएम के चेहरे को देखकर ‘मोदी की गारंटी’ पर भरोसा किया उससे विपक्ष की राह चुनौतीपूर्ण लग रही है. अगले महीने अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा और पीएम मोदी खुद रामलला के मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के समय मौजूद रहेंगे.
दक्षिण अफ्रीका में होने वाले चुनाव पर दुनिया की नजरें हैं. नेल्सन मंडेला के बाद देश की राजनीति में काफी उतार-चढ़ाव देखे गए हैं. म्यूनिसिपल इलेक्शन में दो साल पहले मंडेला की अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस ने पहली बार 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल किए थे. उधर यूरोप में भी चुनाव होने हैं, वहां नई सरकारों के लिए बहुमत के नंबर तक पहुंचना चुनौती बन सकता है. मार्च के महीने में पुर्तगाल में चुनाव हैं. वहां भ्रष्टाचार का मुद्दा छाया रहा. इसी तरह ऑस्ट्रिया में भी चुनाव की गहमागहमी है. जून के महीने में ब्रिटेन के बाहर निकलने के बाद पहली बार यूरोपीय संसद का चुनाव होगा. 2025 की शुरुआत में यूके में चुनाव होने हैं. लेबर पार्टी को उम्मीद है कि वह आसानी से जीत दर्ज कर लेगी. लैटिन अमेरिका में देखिए तो मैक्सिको को पहली महिला राष्ट्रपति मिल सकती है. वेनेजुएला में सत्ता निकोलस मादुरो के हाथ बनी रह सकती है.
इस बार ट्रंप वापस चुनाव में दिखाई दे सकते हैं. वह जीतें या हारें लेकिन चुनाव प्रचार में उनकी मौजूदगी माहौल को गर्म जरूर रखेगी. ट्रंप जीते तो वैश्विक समीकरण उलट सकता है. उम्मीद की जानी चाहिए जनता कहीं की भी हो, काफी सोच विचारकर वोट करेगी. पब्लिक है सब जानती है.
स्रोत -”जी न्यूज”