30 सितम्बर 2022 | राज्य में आरक्षण को लेकर चल रहा विवाद उच्चतम न्यायालय पहुंच गया है। शुक्रवार को 58 प्रतिशत आरक्षण विवाद पर सुनवाई हो सकती है। जानकारी के अनुसार 58 प्रतिशत आरक्षण को रिवर्ट करने के मामले में लगी याचिका पर सुनवाई होनी है। बताया जाता है कि सामाजिक कार्यकर्ता बीके मनीष ने उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध विशेष याचिका दाखिल की है। मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित को इसकी सुनवाई करनी है।
बता दें कि बिलासपुर उच्च न्यायालय ने 19 सितंबर को अपने निर्णय में छत्तीसगढ़ के 58 प्रतिशत आरक्षण को असंवैधानिक बता दिया था। इस निर्णय के बाद प्रदेश में अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 32 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत हो गया। वहीं अनुसूचित जाति का आरक्षण 12 प्रतिशत से बढ़कर 16 प्रतिशत हो गया।
इधर केविएट दाखिल
जानकारी के अनुसार गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति समिति ने उच्चतम न्यायालय में केविएट दाखिल किया है। मामले की एक और पक्षकार रेणु पंत ने भी केविएट फाइल किया है। उनका कहना है कि संबंधित मामले में कोई अंतरिम राहत देने से पहले उनका भी पक्ष सुना जाए। गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति समिति ने ही 2012 में तत्कालीन सरकार केअनुसूचित जाति का आरक्षण कम कर आदिवासी आरक्षण को 32 प्रतिशत करने के कानून को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
सोर्स :-“नईदुनिया”