सार्वजनिक वाहनों में केन्द्र शासन द्वारा GPS लगाना अनिवार्य किया गया है। 01 जनवरी, 2019 से सभी नवीन वाहनों में GPS के साथ पैनिक बटन भी लगाया जाना अनिवार्य है, जिससे किसी आपात स्थिति में पैनिक बटन को दबाकर सहायता चाहे जाने का संकेत दिया जा सके
और वाहन तक आवश्यक सहायता शीघ्रतिशीघ्र पहुंचाई जा सके। वाहनों में लगे GPS को ट्रैक करने हेतु व्हीकल ट्रेकिंग प्लेटफार्म व कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की स्थापना की जायगी। इस योजना के क्रियान्वयन हेतु 15.40 करोड़ रू. का बजट प्रावधान किया जा रहा है जिसमें से 60% केन्द्र शासन तथा 40% राज्य शासन द्वारा वहन किया जावेगा। केन्द्र शासन द्वारा इस हेतु “निर्भया फण्ड’ से 4.19 करोड़ रू. प्राप्त हो चुका है, राज्य शासन द्वारा भी 6.16 करोड़ रू. का बजट प्रावधान प्रस्तावित है। इस संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित “इम्पावर्ड कमेटी” की बैठक दिनांक 18.01.2021 में इस परियोजना हेतु नीतिगत अनुमोदन प्राप्त किया गया है। परियोजना के क्रियान्वयन की कार्यवाही परिवहन विभाग द्वारां “चिप्स’ के माध्यम से की जा रही है।