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प्रगतिशील किसानों की नजर में कृषि कानून हितकारी

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Dec 9, 2020
प्रगतिशील किसानों की नजर में कृषि कानून हितकारीप्रगतिशील किसानों की नजर में कृषि कानून हितकारी

बादशाहपुर (गुरुग्राम): कृषि सुधार कानूनों के विरोध में जहां लोग सड़कों पर उतर रहे हैं, वहीं प्रगतिशील किसान इन कृषि कानूनों को किसानों का हितकारी बता रहे हैं। सांपका गांव के किसान राजेश का कहना है कि यह कानून किसानों का किसी भी प्रकार से नुकसान करने वाले नहीं है।

मूल रूप से पटौदी रोड के सांपका गांव के रहने वाले किसान राजेश और उसके भाइयों की पैतृक जमीन बहुत ज्यादा नहीं है। गांव की सीमा से लगते दूसरे गांव जाटोला में उन्होंने अपने भाइयों के साथ मिलकर कई किसानों की जमीन बटाई पर ले रखी है। अभी दीपावली तक उन्होंने 10 एकड़ जमीन में गेंदे के फूल लगा रखे थे। दीपावली पर फूलों का अच्छा भाव होने पर उनको काफी आमदनी हुई।
अपने भाइयों के साथ मिलकर इस समय करीब 10 एकड़ जमीन में मटर की बुआई कर रखी है। परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी व सब्जी की तरफ जब रुझान किया तो खेती से ही उनको काफी आमदनी होने लगी है। उनका कहना है कि अब परंपरागत खेती को छोड़कर खेती की नई तकनीक को अपनाना होगा। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से किसानों को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं शुरू की गई हैं। किसानों को उन योजनाओं का लाभ लेने के लिए आगे आना होगा।

राजेश का कहना है नए कानून से किसानों को किसी भी प्रकार से कोई नुकसान नहीं है। केंद्र सरकार को केवल किसान की फसल का न्यूनतम मूल्य निर्धारित कर देना चाहिए। इस बात की गारंटी हो कि किसान की फसल इस कीमत से कम नहीं बिकेगी। केंद्र सरकार यह भी सुनिश्चित कर दें कि सभी राज्य सरकारें किसानों की फसल का मूल्य लगभग एक जैसा ही तय करें। इसमें 10 से 20 रुपये बेशक ऊपर नीचे हो। अभी हरियाणा सरकार ने बाजरा की कीमत 2150 रुपये तय कर दी। लेकिन जब किसान मंडी में अपना बाजरा लेकर पहुंचे तो अधिकारियों ने बाजरा की खरीद में आनाकानी शुरू कर दी।

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