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एम्स बन जाएगा ऑक्सीजन के लिए आत्मनिर्भर

ByPrompt Times

Jul 17, 2021
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17-जुलाई-2021 |  अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में हवा से आक्सीजन उत्पादन करने वाला पीएसए आक्सीजन प्लांट स्थापित किया जा रहा है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर यह प्लांट कोविड मरीजों के उपचार में विशेष लाभकारी साबित होगा। काफी हद तक संभावना है कि एक माह के भीतर प्लांट से आक्सीजन का उत्पादन होने लगेगा।

गंभीर किस्म के रोगियों के इलाज के लिए सुविधाओं में इजाफा करते हुए एम्स ऋषिकेश अब स्वयं ही मेडिकल आक्सीजन का उत्पादन करेगा। इस सुविधा को शुरू करने के लिए डीआरडीओ की मदद से संस्थान में आक्सीजन प्लांट स्थापित किया जा रहा है। पीएसए (प्रेशर स्विग एडसा‌र्प्शन) तकनीक आधारित इस प्लांट से 24 घंटे प्रति मिनट 1000 लीटर आक्सीजन गैस का उत्पादन होगा। आक्सीजन प्लांट प्रोजेक्ट के नोडल आफिसर डा. अजय कुमार ने बताया अभी तक एम्स में भर्ती मरीजों के उपचार के लिए बाह्य क्षेत्र से लिक्विड आक्सीजन मंगाकर उसे स्टोर करने की व्यवस्था है और फिर उसे गैस में परिवर्तित कर पाइपलाइन के माध्यम से अस्पताल के विभिन्न वार्डों तक पहुंचाया जाता है। पीएम केअर फंड से तैयार हो रहे इस प्लांट से एक महीने के भीतर आक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा।

डेढ़ गुना बढ़ जाएगी आक्सीजन सप्लाई की क्षमता

एम्स ऋषिकेश में मौजूदा समय में 30 हजार लीटर क्षमता का लिक्विड आक्सीजन स्टोरेज प्लांट स्थापित है। अस्पताल में भर्ती मरीजों को यहीं से आक्सीजन की सप्लाई की जाती है। नए आक्सीजन प्लांट के स्थापित होने से 15 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन सप्लाई पर एक ही समय में 64 वेंटिलेटर अतिरिक्त तौर से संचालित किए जा सकेंगे और आक्सीजन सप्लाई की क्षमता पहले की अपेक्षा अब डेढ़ गुना तक बढ़ जाएगी।

Source;-“जागरण”


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