लद्दाख में जारी तनाव के बीच भारतीय थलसेना के सभी कमांडर्स सर्दियों की तैयारी की समीक्षा करेंगे और रणनीति तैयार करेंगे. सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे की अध्यक्षता में दिल्ली में 26 से 29 अक्टूबर को आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस होगी. ये कॉन्फ्रेंस साल में दो बार होती है लेकिन चीन के साथ जारी तनातनी के बीच ये बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
बता दें कि भारतीय सेना चीन के खिलाफ पूरी एलएसी पर मजबूती से डटी हुई है. लद्दाख के इलाके में ही 50 हजार के करीब सैनिक तैनात हैं. ऐसे में इस बैठक में ठंड के लिए किए गए इंतजामों और मौजूदा हालातों पर भी चर्चा होगी. साथ ही पाकिस्तान की तरफ से लगातार एलओसी पर की जा रही घुसबैठ की कोशिशों, सीजफायर उल्लंघन और हथियारों की स्मगलिंग जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी.
कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा पर भी मंथन
साथ ही कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा हालातों पर मंथन होगा और समीक्षा भी की जाएगी. चीन, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान और म्यांमार सीमा पर भारतीय सेना की तैयारियों और सुरक्षा हालातों पर फोकस रहेगा. वहीं भारतीय सेना के परिवार के वेलफेयर, भविष्य में सेना की जरूरतों के हिसाब से हथियारों की खरीद के साथ-साथ रिटायर्ड सैनिकों और वीर नारियों की भलाई के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी समीक्षा की जाएगी.
सांसदों का एक दल लेह लद्दाख के दौरे पर जाएगा
एक तरफ तो सेना के कमांडर्स दिल्ली में सर्दियों की रणनीति पर चर्चा करेंगे तो दूसरी तरफ सांसदों का एक दल लेह लद्दाख के दौरे पर जाएगा. जो वहां के हालातों का जायजा लेगा. इस दल में पब्लिक अकाउंट कमेटी के सदस्य भी शामिल होंगे. दरअसल हाल ही में सीएजी की रिपोर्ट में सेना के खान-पान में कैलरी की कमी और बेहतर कपड़े न होने की बात कही गई थी. ये दल सेना के जवानों और अफसरों से बात कर स्थिति का जायजा लेगा.
ZEE