दिल्ली-एनसीआर में ठंड बढ़ने के साथ पॉल्यूशन बढ़ता ही जा रहा है. साथ ही प्रदूषण इस कदर बढ़ गया है कि दिल्ली एक गैस चैंबर में तब्दील हो गई है. प्रदूषण के खतरनाक श्रेणी में आने के बाद दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी GRAP-4 लागू है. लेकिन इसके बावजूद शहर की आबोहवा में इसका कोई खासा असर नहीं दिखा.
नई दिल्ली:
दिल्ली की हवा दिन (Delhi Air Pollution) पर दिन बदतर होती जा रही है. जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है वैसे-वैसे दिल्ली की आबोहवा और जहरीली होती जा रही है. शहर की जहरीली हवा का लोगों की सेहत पर भी बुरा असर होने लगा है. बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिल्ली सरकार ने वर्क फ्रॉम होम करने का फैसला लिया है. लगातार पिछले 8 दिनों से दिल्ली में एक्यूआई (Delhi AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. आज सुबह भी दिल्ली का औसत तापमान 421 दर्ज किया गया. बीते दिन तो हालात और खराब थे, जब सुबह में शहर का औसत एक्यूआई 495 पहुंच गया था. जो कि जो इस मौसम में अभी तक के एक्यूआई का सबसे खराब स्तर है. इस लिहाज से देखा जाए तो आज दिल्ली को थोड़ी राहत जरूर मिली है. लेकिन हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं. दिल्ली के किस इलाके की हवा आज कितनी प्रदूषित है और लोगों को कब राहत की सांस मिलेगी
दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ़्तरो में वर्क फ्रॉम होम करने का निर्णय लिया है. इस बारे में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जानकारी देते हुए लिखा कि 50% कर्मचारी घर से काम करेंगे. हालांंकि इसके इम्पलिमेंटेशन के लिए सचिवालय में आज दोपहर 1 बजे अधिकारियों के साथ बैठक होगी.
दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराने पर विचार
दिल्ली के प्रदूषण के खतरनाक स्तर में रहने के बीच दिल्ली सरकार ने शहर में कृत्रिम बारिश कराने पर जोर दिया और सामान्य जनजीवन को प्रभावित करने वाले इस संकट से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग की. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र से स्थिति से निपटने के लिए एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाने और राष्ट्रीय राजधानी में कृत्रिम बारिश कराने को मंजूरी देने का आग्रह किया. राजधानी शहर के 32 वायु निगरानी स्टेशन में से 23 ने (एक्यूआई) 450 से ऊपर दर्ज किया, जो उच्चतम बेहद गंभीर श्रेणी को दर्शाता है.
दिल्ली और आसपास के इलाकों में ठंड बढ़ने के साथ कोहरा भी छाने लगा है. मंगलवार की सुबह दिल्ली एनसीआर का इलाका स्मॉग (Smog) के साथ कोहरे (Fog) में लिपटा हुआ दिखाई दिया. इसका असर आवाजाही पर भी पड़ा. नतीजतन ट्रेन की रफ्तार पर ब्रेक लग गया. कई फ्लाइट्स के रूट्स भी डायवर्ट करने पड़े. आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को भी एयर क्वालिटी ‘गंभीर’ श्रेणी में रही.
दिल्ली के बढ़ते पॉल्यूशन पर सियासत
बढ़ते प्रदूषण पर दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और विभिन्न क्षेत्रों में मास्क बांटे. आनंद विहार में केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदर्शन के दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी(आप) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी की आलोचना की. साथ ही उन्होंने सरकार पर प्रदूषण संकट से निपटने में निष्क्रय रहने का आरोप लगाया.
पीएम 2.5 का का सेहत पर बुरा असर
मंगलवार को शाम 4 बजे सीपीसीबी के आंकड़ों में पीएम 2.5 का स्तर 307 दर्ज किया गया, जो प्रमुख प्रदूषक है. पीएम 2.5 कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, ये कण फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और ब्लड फ्लो में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है. अधिकारियों ने कहा कि इस बीच, दिल्ली सरकार ने अपने सभी अस्पतालों को गंभीर एक्यूआई के कारण सांस की बीमारियों वाले रोगियों के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित करने का निर्देश दिया है.
वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन ने मंगलवार को दिल्ली के प्रदूषण में अनुमानित 16 प्रतिशत का योगदान दिया. पराली जलाने का प्रदूषण में कितना योगदान है, इसका डेटा लगातार दूसरे दिन उपलब्ध नहीं कराया गया.
डीयू, जेएनयू और जामिया में ऑनलाइन क्लास
एक्यूआई ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने 23 नवंबर तक ऑनलाइन क्लास शुरू करने की घोषणा की है. यह फैसला वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए लिया गया. यूनिवर्सिटी ने कहा कि विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को तवज्जों देते हुए यह फैसला लिया गया है और 25 नवंबर से नियमित ऑफलाइन क्लास फिर से शुरू होंगी. दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने भी सोमवार को प्रदूषण की वजह से क्रमशः 23 नवंबर और 22 नवंबर तक ऑनलाइन क्लास चलाने का निर्णय लिया था.