• April 19, 2024 9:36 pm

आजाद नई पार्टी का नवरात्र में करेंगे एलान, पंजीकरण के लिए तीन सदस्यीय कमेटी कर रही काम

22 सितम्बर 2022 | कांग्रेस को लगभग एक महीने पहले अलविदा कहने वाले कद्दावर नेता गुलाम नबी आजाद अपनी नई पार्टी के नाम का एलान नवरात्र में करेंगे। पहले सप्ताह में इसकी घोषणा हो सकती है। इसके साथ ही पार्टी चुनाव आयोग में इसे पंजीकरण की कवायद शुरू करेगी। इसमें पार्टी का चुनाव निशान और झंडा भी शामिल होगा।

आजाद खेमे से जुड़े सूत्रों ने बताया कि नाम की घोषणा 26 या 27 सितंबर को हो सकती है। पार्टी के नाम पर मंथन कर उसे लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है। कुछ और शुभचिंतकों से नाम पर चर्चा चल रही है। पार्टी का नाम और काम दोनों ही धर्मनिरपेक्ष छवि को प्रदर्शित करेगा।

पार्टी के नियम और शर्तों को तय करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जो दिल्ली में अपना काम युद्धस्तर पर कर रही है। इसमें सभी कानूनी पहलुओं से लेकर हर तरह की प्रक्रियागत नियमों पर चर्चा कर उसे अंतिम रूप देने की तैयारी है।

सूत्रों के अनुसार दिल्ली में नाम की घोषणा के साथ ही संभव है कि पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई के पदाधिकारियों की भी घोषणा हो। इसके बाद जिला व ब्लॉक स्तरीय कमेटियों का गठन होगा। नई पार्टी के गठन के बाद आजाद की जम्मू और श्रीनगर दोनों ही जगह आने की योजना है ताकि वे यहां स्थानीय स्तर पर भी पार्टी के नाम की घोषणा कर सकें।

साथ ही पार्टी के उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर की अवाम को जोड़ा जा सके। उन्हें यह विश्वास दिलाया जा सके कि वह ही लोगों के सच्चे साथी हैं। आजाद के विश्वास पात्र पूर्व मंत्री जीएम सरूरी का कहना है कि पार्टी के नाम और जम्मू-कश्मीर इकाई की घोषणा जल्द होगी।

इसके बाद पूरी रफ्तार से पार्टी प्रदेश में लोगों के बीच जाकर काम करेगी और उनका विश्वास व भरोसा जीतने की कोशिश करेगी। आजाद के साथ अवाम का विश्वास और उम्मीदें जुड़ी हुईं हैं। इसलिए घर-घर पहुंचकर उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास होगा।

पार्टी का रोडमैप तय

सूत्रों ने बताया कि नई पार्टी का रोडमैप तय है, जो यहां के अवाम की हक की लड़ाई लड़ेगी। इसमें राज्य का दर्जा बहाली और स्थानीय लोगों को जमीन व रोजगार का हक दिलाना, कश्मीरी पंडितों की घाटी में सम्मानजक घर वापसी का रास्ता खोलना और गरीब, किसान, युवा, महिलाओं के साथ ही समाज के अन्य तबके के चेहरे पर खुशहाली लाना है। पार्टी न तो किसी के साथ हाथ मिलाएगी और न ही किसी पार्टी में नई पार्टी का विलय होगा।

सोर्स :-“अमर उजाला”                                         

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