30-सितम्बर-2021 | जमशेदपुर की बागबेड़ा कॉलोनी के रोड नंबर चार में दुर्गापूजा का आयोजन 1962 से हो रहा है। वर्ष 2011 में पूजा समिति के सदस्यों ने अनोखा प्रयोग किया, जो दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया। पूजा समिति के सदस्य इधर-उधर घूमकर चंदा इकट्ठा करने के बजाय कॉलोनी के 1140 क्वार्टरों समेत अन्य मकानों में 1300 गुल्लक देने लगे। इसमें लोग रोज अपनी हैसियत के अनुसार, 1 से 5 और 10 रुपये तक डालते थे। सदस्य क्वार्टरों में गुल्लक वितरण जनवरी-फरवरी में कर देते थे और इसे अक्तूबर में एकत्रित करते थे। जिस क्वार्टर से गुल्लक लिया जाता, वहीं फोड़कर रुपये गिने जाते व रजिस्टर में नाम-पता के साथ रकम दर्ज कर लिया जाता। इससे पूजा समिति को हर वर्ष 8 से 9 लाख रुपये मिल जाते थे। इससे सदस्यों को चंदा स्वरूप राशि जुटाने की समस्या नहीं होती थी। साथ ही चंदा के रूप में लोगों पर बोझ भी नहीं पड़ता था।
दानकर्ताओं की बदौलत पूजा
सार्वजनिक दुर्गापूजा कमेटी माई दरबार संघ बागबेड़ा पूजा समिति के अध्यक्ष संतोष ठाकुर बताते हैं कि कोरोना के कारण वर्ष 2020 व 2021 में गुल्लक की परंपरा थम गई। इसका मकसद सामूहिकता को बढ़ावा देना है। अब सदस्यों के आपसी सहयोग और दानकर्ताओं की मदद से पूजा हो रही है। उन्होंने कहा कि दानकर्ताओं से पूजा समिति को कई तरह के संसाधन (मूर्ति व पंडाल खर्च, पूजन सामग्री एवं सजावट) उपलब्ध हो रहे हैं।
तीन बार पूजा समिति को अवॉर्ड
पूजा समिति के अध्यक्ष संतोष ठाकुर, महासचिव सोनू सिंह एवं कोषाध्यक्ष टिंकू ओझा की सूझबूझ से सदस्यों को जहां चंदा एकत्र करने के झंझट से छुटकारा मिल गया। वहीं, एक वर्ष बेटी बचाओ थीम के साथ दो वर्ष में बेहतर पंडाल एवं मूर्ति समेत अन्य कारणों से अवॉर्ड भी मिला है।
Source:-हिन्दुस्तान