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बघेल और मरकाम को हर बात में मीन-मेख निकालकर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ प्रलाप करने की बुरी लत लग गई है-भाजपा

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Apr 9, 2021
भाजयुमो ने किया जिला अध्यक्ष एवं महामंत्रियों की घोषणा
  •  राजनीतिक प्रतिशोध की भावना के वशीभूत होकर जनस्वास्थ्य के साथ अक्षम्य खिलवाड़ करने के अपराध-बोध से ग्रस्त कांग्रेस और प्रदेश सरकार अब अपनी विफलता छुपाने राजनीतिक प्रलाप कर रही हैं
  • भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- वैक्सीनेशन की उम्र 18 वर्ष करने की मांग ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तमाम कांग्रेस नेता दिल्ली के एक ही रिमोट से संचालित होकर एक ही सुर में बेसुरा राग आलाप रहे हैं
  • सालभर में प्रदेश में कोरोना से मुक़ाबले के लिए न तो स्वास्थ्य सेवाएँ दुरुस्त हुईं, न मरीजों के इलाज की सुविधाएँ बढ़ीं और न ही नए कोविड सेंटर्स बने, प्रदेश आज भी असहाय खड़ा है: साय

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की बेक़ाबू रफ़्तार थामने में बुरी तरह विफल साबित हो चुकी प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को हर बात में मीन-मेख निकालकर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ नित-नया प्रलाप करने की बुरी लत लग गई है। श्री साय ने कहा कि कोरोना के ख़िलाफ़ जारी ज़ंग में प्रदेश सरकार और कांग्रेस नेतृत्व ने बड़ी-बड़ी डींगें हाँककर जिस तरह का ग़ैर-ज़िम्मेदाराना आचरण किया है, उसकी कोई और मिसाल शायद ही मिले। श्री साय ने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध की भावना के वशीभूत होकर प्रदेश के जनस्वास्थ्य के साथ अक्षम्य खिलवाड़ करने के अपराध-बोध से ग्रस्त कांग्रेस और प्रदेश सरकार अब अपनी विफलता छुपाने राजनीतिक प्रलाप कर रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने वैक्सीनेशन की उम्र 18 वर्ष करने की कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम और मुख्यमंत्री बघेल की मांग को लेकर कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तमाम कांग्रेस नेता दिल्ली के एक ही रिमोट से संचालित हो रहे हैं और एक ही सुर में बेसुरा राग आलाप रहे हैं। वैक्सीनेशन की उम्र 18 वर्ष करने की मांग महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष भी कर चुके हैं।  श्री साय ने कहा कि दरअसल छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए ठोस और सर्वहितकारी काम करने के बजाय कांग्रेस नेताओं और प्रदेश सरकार ने सालभर सिवाय राजनीतिक प्रलाप करने और केंद्र सरकार पर अपनी विफलता का ठीकरा फोड़ने के निकृष्ट राजनीतिक चरित्र का प्रदर्शन करने के अलावा और कुछ नहीं किया। श्री साय ने कहा कि कोरोना गाइडलाइंस की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाकर, लॉकडाउन को ग़ैर-ज़रूरी बताकर, वैक्सीन को लेकर घटिया राजनीतिक सोच का परिचय देकर जिस कांग्रेस और प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ को आज महामारी की अंधी खाई में धकेलकर रख दिया है, वह पार्टी और सरकार आख़िर किस मुँह से केंद्र सरकार को नसीहतें देने का दुस्साहस कर रही है?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने राजधानी समेत प्रदेश के अन्य ज़िलों में कोरोना संक्रमण के चलते हालात पूरी तरह बेक़ाबू हो जाने के बाद लॉकडाउन की घोषणा करने पर प्रदेश सरकार की नीयत और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम इस बात का ज़वाब प्रदेश को दें कि केंद्र सरकार को उलाहना देकर प्रदेश सरकार ने बड़ी-बड़ी डींगें हाँकी थी कि हम अपने बूते मुफ़्त टीकाकरण कराएंगे, उसका क्या हुआ? श्री साय ने यह भी पूछा कि को-वैक्सीन को लेकर राजनीतिक दुर्भावनावश उसकी प्रामाणिकता पर सवाल उठाकर और वैज्ञानिकों के पुरुषार्थ को अपमानित करके अपने हठीले रवैए के चलते टीकाकरण नहीं होने के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव की ज़िम्मेदारी कौन तय करेगा? कांग्रेस नेता अपनी सरकार की विफलताओं से कब तक मुँह चुराते प्रदेश के कोरोना संक्रमितों को एक्सपायरी डेट की दवाएँ देकर उनकी सेहत और जान से खिलवाड़ होते देखते रहेंगे? छत्तीसगढ़ में वैक्सिन को लेकर भ्रम फैलाने, वैक्सिनेशन को लेकर उदासीनता दिखाने के जैसे कृत्य के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की शुरुआत से ही प्रदेश सरकार को आवश्यक उपायों के लिए आगाह किए जाते रहने के बावज़ूद प्रदेश सरकार क्रिकेट मैच और मेला-महोत्सव में ही मशगूल रही। कोरोना से जूझते प्रदेश को भगवान भरोसे छोड़कर मुख्यमंत्री बघेल असम में चुनावी रैलियाँ करने और नाच-गाने में मगन थे! श्री साय ने केंद्र सरकार के सामने एक बार फिर पैसों के लिए कांग्रेस नेताओं के प्रलाप करने पर तीखा कटाक्ष कर कहा कि कांग्रेस नेता पहले प्रदेश सरकार से तो यह पूछें कि कोरोना के नाम पर शराब पर सेस के जरिए जुटाए गए करोड़ों रुपए प्रदेश सरकार ने कहाँ ख़र्च किए क्योंकि सालभर में प्रदेश सरकार ने कोरोना के मुक़ाबले के लिहाज़ से न तो अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया, न कोरोना मरीजों के इलाज की सुविधाओं का विस्तार किया और न ही नए कोविड सेंटर्स बनाए। आज प्रदेश कोरोना के ख़िलाफ़ ज़ंग में वहीं खड़ा नज़र आ रहा है जहाँ न ऑक्सीज़न बेड उपलब्ध हैं, न अस्पतालों में इलाज के लिए ज़गह बची है, वैक्सीनेशन की रफ़्तार भी काफी धीमी है। श्री साय ने कहा कि पहले प्रदेश सरकार अपने दम पर कुछ ठोस और लोकहितकारी क़दम उठाकर कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में अपनी इच्छाशक्ति का परिचय दे।

  • कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर अंकुश साधने कई सुझावों के साथ कौशिक के नेतृत्व में कलेक्टर से मिला प्रतिनिधिमंडल
  • इस समय कोविड से लड़ने के लिये एक दिशा में मज़बूत इरादे से साथ कार्य करने की ज़रूरत, कोरोना के बढ़ते मामलों पर अंकुश साधने के लिये जनमानस को भी आगे आना होगा : कौशिक

बिलासपुर। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्तर से मुलाकात ज़िले में बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिये सुझाव दिये। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल, प्रदेश महामंत्री भूपेन्द्र सवन्नी, विधायक रजनीश सिंह, जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सुझाव देते हुए कहा कि कोरोना मुक्ति के लिये टीकाकरण को एक मज़बूत हथियार बनाने की ज़रूरत है। ज़िले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में एक कोविड अस्थायी अस्पताल अलग से बनाने हेतु आवश्यक पहल की जानी चाहिये। साथ ही, इस समय कोविड से लड़ने के लिये एक दिशा में मज़बूत इरादे से साथ कार्य करने की ज़रूरत है। कोरोना के बढ़ते मामलों पर अंकुश लाने के लिये जनमानस को भी आगे आना होगा। प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर भी बल दिया है कि हमें कोविड नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिये। हर मोर्चे पर कोविड से लड़ने के लिये एक टोल फ्री नंबर बनाया जाना चाहिये और अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या की जानकारी ऑनलाइन मिले इस पर विचार किया जाना चाहिये। इसके साथ ही होम आइसोलेशन के दौरान चिकित्सकों की टीम निरतंर मरीजों की निगरानी करे। निजी अस्पतालों में उपचार हेतु बेहतर व्यवस्था के साथ ही उपचार की दर भी निर्धारित होनी चाहिये। अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई जानी चाहिये। चर्चा के दौरान कलेक्टर मित्तर में सारे सुझावों पर गंभीरता से कार्य करने का भरोसा दिया है।

-लॉकडाउन को लेकर राजधानी समेत ज़िले के कई स्थानों पर सामने आ रही विसंगतियों से प्रदेश सरकार की सूझबूझ पर सवाल : भाजपा

  •  लॉकडाउन की घोषणा और संभावना को देख प्रदेशभर में कालाबाज़ारी और निर्धारित मूल्य से अधिक क़ीमत पर दैनिक ज़रूरतों की चीजें और राशन आदि बेचे जाने की शिकायतें प्रकाश में आ रहीं : अनुराग
  • प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में दर तय करे, ताकि निजी अस्पतालों में कोरोना उपचार के लिए मची लूट पर अंकुश साधा जा सके और सबको इलाज सुलभ हो सके
  • जिन सेवाओं को छूट दी गई है, ज़िला प्रशासन सुनिश्चित करे कि सेवा प्रदाता और लाभार्थी गाइडलाइन का पालन करते हुए सेनेटाइजेशन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति अनुशासन का परिचय दें

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र शुक्रवार से प्रस्तावित लॉकडाउन को लेकर राजधानी समेत ज़िले के कई स्थानों पर सामने आ रही विसंगतियों को लेकर प्रदेश सरकार की सूझबूझ पर सवाल खड़ा किया है। श्री सिंहदेव ने कहा कि लॉकडाउन का आदेश जारी करने पहले प्रदेश सरकार को दैनिक ज़रूरतों की चीजों और राशन आदि की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करना था जिससे भारी अफ़रा-तफ़री का वह माहौल नहीं दिखता जो बुधवार शाम से राजधानी समेत ज़िले के विभिन्न स्थानों पर दिखा। प्रदेश के दीग़र ज़िलों में भी लॉकडाउन की घोषणा और उसकी संभावना को देखते हुए प्रदेश सरकार को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री सिंहदेव ने कहा कि लॉकडाउन की घोषणा और उसकी संभावना को देखते हुए प्रदेशभर में कालाबाज़ारी और निर्धारित मूल्य से अधिक क़ीमत पर दैनिक ज़रूरतों की चीजों और राशन आदि बेचे जाने की शिकायतें प्रकाश में आ रही हैं। प्रदेश सरकार और ज़िलों के ज़िम्मेदार अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आम लोगों को उनकी ज़रूरत की चीजें निर्धारित दर पर सुलभ हों और कालाबाज़ारी न हो। कालाबाज़ारियों पर नकेल कसने की मांग करते हुए श्री सिंहदेव ने प्रदेश सरकार से कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में दर तय करने की मांग की है ताकि निजी अस्पतालों में कोरोना उपचार के लिए मची लूट पर अंकुश साधा जा सके और सबको इलाज सुलभ हो सके। इसी तरह प्रत्येक ज़िलों में आवश्यकतानुसार कोविड अस्थायी अस्पताल अलग से बनाया जाना चाहिए। निजी और सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीज़न बेड की संख्या बढ़ाकर लोगों को राहत पहुँचाना आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है। इसी के साथ को-वैक्सीन टीकाकरण के काम की रफ़्तार और तेज़ करना ज़रूरी है। श्री सिंहदेव ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिन सेवाओं को छूट दी गई है, ज़िला प्रशासन यह भी सुनिश्चित करे कि वे सेवा प्रदाता और लाभार्थी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सेनेटाइजेशन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति अनुशासन का परिचय दें।

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