खूंटी : केंद्र सरकार की सामर्थ योजना के तहत आदिवासी कारीगरों को हुनरमंद बनाने के लिए मंगलवार को मुरहू प्रखंड के बिचना पंचायत भवन में दो माह तक चलने वाले रोजगारपरक प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ। प्रशिक्षण शिविर में 30 महिलाएं शामिल हैं। जिन्हें बांस से बनने वाले विभिन्न प्रकार के सजावटी सामान के बारे में बताया गया। इस दौरान उन्हें कई उदाहरण के साथ समझाया गया। प्रशिक्षण के दौरान बांस के कई प्रकार के सजावटी सामान बनाए जाएंगे। इसके साथ ही बांस के सजावटी सामान बनाने के बाद उसका उपचार की जानकारी दी जाएगी। जिससे सामान में किसी प्रकार की खराबी ना आए और सजावटी सामानों की रंगाई, उनका रखरखाव व विभिन्न स्थानों में ले जाने के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता आदि के बारे में बताया गया। मौके पर प्रशिक्षण में शामिल कारीगरों को निश्शुल्क औजार भी दिया गया।
कारीगरों को दी योजनाओं की जानकारी
एमएसएमई के निदेशक सुनील पाल व ज्योत्सना गुड़िया ने प्रशिक्षण में शामिल कारीगरों को विशेष रुप से उत्प्रेरित किया। विकास आयुक्त हस्तशिल्प कार्यालय के वरीय निदेशक बी जेना ने कारीगरों को सरकार की तरफ से दी जाने वाले सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने कारीगर पहचान पत्र के लाभ के बारे में भी बताया। इसके अलावा विभिन्न शहरों में लगने वाले मेला और प्रदर्शनी में आने जाने के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता और कारीगरों की सहायता के लिए सरकार द्वारा लांच वेबसाइट के बारे में भी बताया। प्रशिक्षण के दौरान कोरोना महामारी के संक्रमण के लिए विशेष सावधानी बरती गई। इस अवसर पर विकास आयुक्त हस्तशिल्प कार्यालय के वीर भरत मरांडी, भवानी प्रसाद, एमएसएमई के निदेशक ज्योत्सना गुड़िया, सुदीप पाल, झारक्राफ्ट पर्यवेक्षक विशेश्वर सिंह, लघु कुटीर उद्योग बोर्ड के प्रखंड समन्वयक आशीष कुमार सोनी आदि उपस्थित थे।