कोलकाता : बंगाल में राजनीतिक हिंसा और हत्याओं के बढ़ते मामलों एवं राज्य सरकार के साथ जारी टकराव के बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। राज्य में पिछले कुछ महीनों में हुई राजनीतिक हत्याओं एवं बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राज्यपाल ममता सरकार के खिलाफ लगातार मुखर रहे हैं। बुधवार को राजभवन की ओर से कहा गया कि राज्यपाल 28 से 30 अक्टूबर तक दिल्ली की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे।
बुधवार शाम को वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए। 29 अक्टूबर, गुरुवार को राज्यपाल का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात का कार्यक्रम है। वहीं, 30 अक्टूबर को राज्यपाल कोलकाता लौट आएंगे। माना जा रहा है कि गृह मंत्री के साथ मुलाकात के दौरान राज्यपाल राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था, राजनीतिक हिंसा समेत पिछले महीने बंगाल से अलकायदा के आधा दर्जन आतंकियों की हुई गिरफ्तारी सहित विभिन्न मुद्दों से अवगत कराएंगे।
1 नवंबर से एक महीने के उत्तर बंगाल दौरे पर रहेंगे राज्यपाल
इधर, सूत्रों ने कहा कि दिल्ली से लौटने के बाद राज्यपाल 1 नवंबर से पूरे एक महीने तक उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग के दौरे पर रहेंगे। धनखड़ की दार्जिलिंग की निर्धारित यात्रा ऐसे समय में होगी जब गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के सुप्रीमो विमल गुरुंग के 3 साल तक फरार रहने के बाद हाल में सामने आने और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को समर्थन की घोषणा के बाद दार्जिलिंग सहित पूरे पहाड़ क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण बदलने के आसार हैं।
यात्रा के राजनीतिक हलकों में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे
ऐसे में राज्यपाल की इस यात्रा को लेकर राजनीतिक हलकों में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल ने जहां राज्यपाल के पहाड़ के इस निर्धारित यात्रा पर आशंका व्यक्त की है, वहीं विपक्षी भाजपा ने राज्यपाल के दौरे का समर्थन करते हुए कहा है कि राज्य का संवैधानिक प्रमुख होने के नाते उन्हें राज्य के किसी भी हिस्से का दौरा करने का अधिकार है।
राज्यपाल धनखड़ का ममता सरकार से लगातार टकराव चल रहा
दरअसल राज्यपाल का पद संभालने के बाद से ही एक साल से ज्यादा समय से धनखड़ का ममता सरकार के साथ लगातार टकराव चल रहा है। उत्तर बंगाल में तृणमूल के वरिष्ठ नेता ने कहा, वह (राज्यपाल) हमेशा राज्य के किसी भी हिस्से में जा सकते हैं। लेकिन इस समय हम यह नहीं समझ रहे कि यह उनकी नियमित यात्रा है। हम उनकी यात्रा को लेकर आशंकित हैं।
राजनीतिज्ञों का मानना-गुरुंग की वापसी से समीकरण बदलेगा
वहीं भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, तृणमूल राज्यपाल की यात्रा को लेकर क्यों डरती है? इधर, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि विमल गुरुंग की दार्जिलिंग में वापसी के बाद वहां का राजनीतिक समीकरण बदलेगा, जिस तरीके से उन्होंने एनडीए से अलग होने व ममता के समर्थन की बात कहीं है, ऐसे में हो सकता है इसी समीकरण को समझने के लिए राज्यपाल वहां एक महीने रहेंगे।
तृणमूल, राज्यपाल को भाजपा का दलाल भी कई बार कह चुकी है
हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि इसके पीछे दूसरा भी कोई कारण हो सकता है। गौरतलब है कि तृणमूल, राज्यपाल को भाजपा का दलाल भी कई बार कह चुकी है। इधर, राजभवन सूत्रों के अनुसार राज्यपाल 1 से 30 नवंबर तक दार्जिलिंग के राजभवन में रुकेंगे। वहीं से वह राजभवन का सारा कामकाज देखेंगे। राज्यपाल 1 नवंबर को सिलीगुड़ी में एक संवाददाता सम्मेलन भी करेंगे।