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किसानों के लिए बड़ी खबर: इतने फीसदी बढ़ा खरीफ फसल का रकवा, तेजी से हो बुवाई. होगी बंपर उपज!

ByPrompt Times

Apr 14, 2021

देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच एक बार फिर से आर्थिक संकट का खतरा मंडराता नजर आ रहा है. कई सेक्टर में बुरी खबरों की शंका-आशंकाओं के बीच कृषि सेक्टर से अच्छी खबर आ रही है. पिछले साल 67.8 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हुई थी. जबकि ​पिछले साल की तुलना में इस बार खरीफ फसल का रकवा 16.4 फीसदी बढ़ चुका है.

बता दें कि मार्च से मई के बीच खरीफ फसलों की बुवाई बोए जाते हैं. कृषि मंत्रालय ने कहा है कि पिछले साल अच्छी बारिश होने की वजह से इस बार जमीन में नमी मौजूद है और यह खरीफ फसलों के लिए बेहतर स्थिति है. मंत्रालय ने कहा- पिछले 10 साल के औसत की तुलना में इस बार देश के जलाशयों में 21 फीसदी तक अधिक जल भरे हुए हैं. हमें उम्मीद है कि इस बार देश में बंपर कृषि उपज हो सकती है.

उपज बढ़ेगी तो अन्य देशों में निर्भरता कम होगी

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस साल दलहन का रकबा 51 फीसदी तक बढ़ा है. आंकड़े बताते हैं कि इस बार 8.68 लाख हेक्टेयर में दाल की बुवाई हुई है जबकि धान की बुवाई का रकबा 7.6 फीसदी बढ़कर 38.80 लाख हेक्टेयर हो गया है.

इस संबंध में कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार खरीफ फसल की बुआई के लिए किसानों को प्रेरित करना चाहती है. कारण कि अब देश के कई इलाकों में सिंचाई की सुविधा मौजूद है. इससे देश में दलहन और तिलहन की उपज बढ़ाने में मदद मिलेगी और आयात पर देश की निर्भरता कम होगी.

मक्का और बाजरे का रकबा भी बढ़ा

इससे पहले कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, “गर्मियों की फसल यानी खरीफ सीजन की बुवाई की प्रगति बहुत अच्छी है. रबी की फसल भी अच्छी हो रही है. मार्च के अंत तक देश में कुल लगभग 48 फीसदी रबी फसलों की कटाई हो चुकी है.”

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेशख् पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में खरीफ फसलों की बुवाई बेहतर तरीके से हो रही है. खरीफ फसलों की खेती में मक्का, बाजरा और रागी का रकबा पिछले साल से 27 फीसदी बढ़ा है. इसके साथ ही तिलहन का रकबा भी बढ़कर 9.53 लाख हेक्टेयर हो गया है.

जोर पकड़ रही है मूंगफली की खेती

कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, गुजरात में अब मूंगफली की खेती भी जोर पकड़ रही है. इस बार खाद्य तेल महंगे होने की वजह से ज्यादा से ज्यादा किसान तिलहन की खेती की तरफ बढ़ रहे हैं. पिछले 3 महीने में खाद्य तेल के भाव 45 फीसदी तक बढ़ चुके हैं.”

सरसों की बंपर उपज होने के बावजूद किसान मंडियों तक अपनी फसल लेकर नहीं पहुंच रहे. एमएसपी से ज्यादा मूल्य पर किसानों से सरसों की खरीद की जा रही है. सरसों उपजाने वाले किसानों को इससे बड़ा फायदा हुआ है.

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