• March 29, 2024 9:07 pm

बिहार विधानसभा: 4 महीने बाद स्पीकर ने मानी गलती- ‘सदन में विधायकों से हुई मारपीट अक्षम्य’

ByPrompt Times

Jul 29, 2021
बिहार विधानसभा: 4 महीने बाद स्पीकर ने मानी गलती- 'सदन में विधायकों से हुई मारपीट अक्षम्य'
Share More

29-जुलाई-2021 | बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अभूतपूर्व हंगामा होने के बाद पुलिस द्वारा विपक्षी दलों के कुछ विधायकों को बाहर निकालने के मुद्दे पर बुधवार को सदन में तीखी बहस हुई। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा द्वारा बुलाई गई कार्यमंत्रणा समिति की एक बैठक के बाद इस मुद्दे पर चर्चा करने का निर्णय लिया गया।

इस घटना के दिन सिन्हा को विपक्ष के विधायकों ने उनके कक्ष में बंधक बना लिया था जिसके बाद पुलिस को बुलाना पड़ा था क्योंकि मार्शलों से स्थिति नियंत्रण में नहीं आ रही थी। विपक्ष ने कहा था कि यदि इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई तो वे मॉनसून के बाकी सत्र का बहिष्कार कर देंगे, जिसके बाद बहस का निर्णय लिया गया।

बिहार विधानसभा का सत्र 26 जुलाई को शुरू हुआ था और 30 जुलाई को इसका समापन होगा। विपक्ष ने 23 मार्च को हुई घटना को “लोकतंत्र की हत्या” करार दिया और शाम चार बजे इस पर बहस शुरू हुई जो सदन की कार्यवाही समाप्त होने तक एक घंटे से ज्यादा समय तक चली।

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, बहस के दौरान बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने स्वीकार किया है कि इस साल की शुरुआत में 23 मार्च को पुलिस द्वारा विधायकों की पिटाई गलत थी और यह अस्वीकार्य और अक्षम्य है। विधान सभा में बुधवार को इस हंगामे पर हुई विशेष बहस और सभी सदस्यों के भाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विधायकों को बूट से मारना गलत है और इसे कभी माफ नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “गलती हुई है, अपमान हुआ है लेकिन अपमान इस आसन का नहीं, सदन का हुआ है। किसी विधायक को बूट से मारा गया तो विधायक का नहीं विधायिका का अपमान हुआ है।”

बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आक्रोश में थे और उन्होंने पुलिस के हाथों विधायकों के साथ हुई कथित बदसलूकी के लिए नीतीश कुमार की सरकार को जिम्मेदार ठहराया। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी ने कहा, “हमें बताया गया कि घटना के संबंध में दो कांस्टेबलों को निलंबित किया गया है। क्या ऊपर से आदेश मिले बगैर सदन के भीतर एक विधायक को एक कांस्टेबल हाथ लगा सकता है? मैं उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग करता हूं जिनके इशारे पर हमारे साथी सदस्यों को लात से मारा गया और महिलाओं को बाल और साड़ी पकड़ कर घसीटा गया।”

उन्होंने कहा, “हो सकता है कि कुछ विधायकों ने बदसलूकी की हो, मुझे बताया गया है कि आपने उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए एक समिति का गठन किया है। अगर सजा देना जरूरी है तो मैं प्रस्तुत हूं। मेरे साथी सदस्यों के विरुद्ध जो भी कार्रवाई करनी है, उनकी तरफ से मैं प्रस्तुत हूं आप मेरे खिलाफ कार्रवाई कीजिये।” तेजस्वी ने दावा किया कि वह विधायकों के सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं जिस पर निरंकुश नौकरशाही द्वारा हमला किया जा रहा है।

विपक्ष के विधायक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जवाब देने की मांग कर रहे थे लेकिन सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि वह खुद भी सदन के अध्यक्ष रह चुके हैं इसलिए उन्हें पता है कि अध्यक्ष के पास कौन सी शक्तियां और जिम्मेदारियां होती हैं। उन्होंने कहा कि “सदन के भीतर जो कुछ भी होता है उसमें सरकार का कोई हाथ नही होता है ।”

पुलिस को बुलाने के निर्णय का बचाव करते हुए चौधरी ने कहा कि उन्हें भी सिन्हा के साथ उनके कक्ष में “बंधक बनाया गया था” इसलिए उन्हें स्थिति की गंभीरता का अंदाजा था। मंत्री ने तेजस्वी के उस बयान पर भी चुटकी ली जिसमें उन्होंने कहा था कि वह अन्य विधायकों की तरफ से सजा भुगतने के लिए तैयार हैं।

बता दें कि 23 मार्च को बिहार विधान सभा में अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई थी। बिहार पुलिस विधेयक का विरोध कर रहे विपक्षी राजद के विधायकों को सदन से घसीटकर बाहर सड़क पर निकाला गया था। इस दौरान कई सुरक्षाकर्मी विधायकों को पीटते और बूट से लात मारते कैमरे में कैद हुए थे।

Source;-“आउटलुक


Share More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *