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CAA – गुजरात में करीब 1 हजार लोगों को भारतीय नागरिकता, पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश व अफगानिस्‍तान के अल्‍पसंख्‍यक समुदाय शामिल

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22 अक्टूबर 2021 |  देश में नागरिकता कानून को लेकर खूब हो हल्‍ला मचा लेकिन भारत की नागरिकता के लिए वर्षों से राह देख रहे करीब एक हजार महिला पुरुषों को गुजरात में बीते कुछ वर्ष में नागरिकता मिली। अकेले अहमदाबाद में सबसे अधिक 868 लोगों को नागरिकता हासिल हुई। इनमें पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश व अफगानिस्‍तान के अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के महिला पुरुष शामिल हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दिसंबर 2016 में एक परिपत्र जारी किया गया था जिसके तहत अहमदाबाद, कच्‍छ एवं गांधीधाम के जिला कलक्‍टर को स्‍थानीय स्‍तर पर देश की नागरिकता प्रमाण पत्र देने का अधिकार सौंपा गया था। इसके बाद वडोदरा, मोरबी, राजकोट व पाटण जिला कलक्‍टर को भी इसका अधिकार दिया गया लेकिन अहमदाबाद कलेक्‍टर कार्यालय ने 2017 से अब तक करीब 868 लोगों को भारत की नागरिकता देने का काम किया। अहमदाबाद कलक्‍टर संदीप सांगले ने बीते रविवार को ही 11 पाकिस्‍तानी हिंदूओं को भारत की नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा, इसके अलावा नागरिकता के लिए किये गये 9 आवेदन स्‍वीकार भी किये गये। केंद्र व राज्‍य सरकार की खुफिया एजेंसी, राज्‍य पुलिस जांच के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद यह प्रक्रिया शुरु की जाती है, करीब 7 वर्ष तक देश में एक स्‍थान पर रहनेे वालेे विदेशी नागरिक, धार्मिक अल्‍पसंख्‍यक एवं संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करने वालों को इसका पात्र माना जाता है। गुजरात में करीब एक हजार लोगों को इन बीते सालों में भारत की नागरिकता मिली। कलक्‍टर सांगले के अनुसार भारत की नागरिकता के लिए यह लोग सालों से इंतजार कर रहे थे, जब उन्‍हें यहां की नागरिकता का प्रमाण पत्र मिला तो उन्‍हें देखकर ऐसा लगा उन्‍हें मानो नया जीवन सौंप दिया।

नागरिकता संधोधन कानून 2019 के तहत पडौसी देश पाकिसतान, बांग्‍लादेश व अफगानिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यक समुदाय अर्थात वहां के हिंदू, सिख, जैन, पारसी, ईसाइ तथा बौद्धधर्म मतावलंबियों को नागरिकता का अधिकार प्रदान करता है। भारत की नागरिकता चाहने वालों में इन देशों के हिंदू धर्म के लोगों की ही संख्‍या अधिकांश होती है। पहले भारत की नागरिकता के लिए 11 साल इंतजार करना पडता था लेकिन 2016 की अधसिूचना के बाद 7 साल यहां रहने वालों को नागरिकता प्रमाण पत्र दिया जाने लगा है। नागरिकता के लिए गुजरात में हर रोज एक आवेदन मिलता है, हालांक‍ि तकनीकी कारणों से कई बार नागरिकता देने में वक्‍त भी लगता है अथवा अटक भी जाता है चूंकि इसकी मांग करने वालों को वीजा, आपराधिक रिकार्ड, 7 साल रहने के साथा भारत के संविधान का पालन करने वालों को ही नागरिकता का पात्र माना जाता है।

Source :- नई दुनिया


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