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क्‍या H3N2 इन्‍फ्लूएंजा वायरस से बचा सकती है कोरोना वैक्‍सीन? कितने सुरक्षित हैं आप, NTAGI चीफ ने बताया

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11 मार्च 2023 |  कोरोना के बाद अब देश में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस लोगों को डरा रहा है. कई राज्‍यों में अभी तक इसके 3 हजार से ज्‍यादा मामले सामने आ चुके हैं वहीं इससे दो लोगों की मौत भी हो चुकी है. सर्दी, खांसी, बुखार, गले में दर्द वाले इसके लक्षण भी कोरोना की तरह ही दिखाई देते हैं. हालांकि लगभग एक जैसे लक्षणों के चलते क्‍या कोरोना वैक्‍सीन (Corona Vaccine) इस वायरस से बचाव कर सकती है? ये सवाल भी लोगों के मन में उठ रहा है. क्‍या कोरोना वैक्‍सीन की बूस्‍टर डोज (covid-19 vaccine booster dose) लगवा चुके लोगों पर यह इन्‍फ्लूएंजा वायरस (Flu Virus) ज्‍यादा असर नहीं दिखाएगा? इसका जवाब देश के जाने-माने एक्‍सपर्ट यहां दे रहे हैं.

नेशनल टैक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्‍यूनाइजेशन (NTAGI) के प्रमुख डॉ. एन के अरोड़ा News18Hindi से बातचीत में कहते हैं कि एचथ्रीएनटू इन्‍फ्लूएंजा वायरस के लक्षण कुछ कुछ कोरोना से ही मिलते-जुलते हैं. इसमें भी सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार की शिकायत होती है तो लोगों को भी लगता है कि यह कोरोना जैसा ही होता होगा लेकिन यह एक सीजनल वायरस है और लगभग हर साल ही मौसम बदलने पर संक्रमण फैलाता है. ये नया नहीं है और हमेशा से होता रहा है. ये बात ध्‍यान रखने वाली है कि कोरोना की वैक्‍सीन का इस वायरस से कोई लेना-देना नहीं है.

डॉ. अरोड़ा कहते हैं कि इस इन्‍फ्लूएंजा वायरस पर कोरोना की कोई भी वैक्‍सीन काम नहीं करती है. अगर लोगों को लगता है कि उन्‍होंने कोरोना वैक्‍सीन की दोनों डोज के साथ ही बूस्‍टर डोज भी ले ली है तो ये वायरस भी उन पर असर नहीं करेगा तो ऐसा सोचना गलत है. इन्‍फ्लूएंजा वायरस की वैक्‍सीन अलग होती है और यह भारत में मौजूद भी है. सीजनल इन्‍फ्लूएंजा वैक्‍सीन आमतौर पर जुलाई-अगस्‍त के महीने में लगाई जाती है.

इस वायरस से मौतें
हालांकि 60 साल से ऊपर के लोग, जिन्‍हें फेफड़ों की कोई बीमारी है, छोटे बच्‍चे या जो कोमोरबिड हैं वे इस वैक्‍सीन को लगवा सकते हैं. वैसे तो इसे कोई भी लगवा सकता है लेकिन ज्‍यादा फायदा इन्‍हीं लोगों को है क्‍योंकि यह इन्‍फ्लूएंजा वायरस इतना खतरनाक नहीं है. इससे मौतें बहुत रेयर होती हैं लेकिन होती तो हैं और इनमें भी ज्‍यादातर मामले लंग डिजीज वाले बुजुर्गों या बच्‍चों के होते हैं.

इन्‍फ्लूएंजा की वैक्‍सीन ये लोग लगवाएं
डॉ. अरोड़ा कहते हैं कि जो भी व्‍यक्ति हाई रिस्‍क में आते हैं यानि कि बुजुर्ग और कोमोरबिड हैं, उन्‍हें ये वैक्‍सीन लगवानी चाहिए. यह सीजनल वैक्‍सीन है. हर साल इस वायरस में भी म्‍यूटेशन होता है और नया वेरिएंट आता है इसीलिए हर साल इन्‍फ्लूएंजा की नई वैक्‍सीन आती है. यह वैक्‍सीन भी सरकारी अस्‍पतालों में उपलब्‍ध नहीं है, इसलिए लोगों को प्राइवेट अस्‍पतालों में जाकर ही लगवानी होगी. अभी पिछले साल वाली वैक्‍सीन उपलब्‍ध है, जबकि नई वैक्‍सीन जुलाई के बाद मिलेगी.

सोर्स :-“न्यूज़ 18 हिंदी|”   


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