• April 19, 2024 10:41 pm

इंजन और एक बोगी दौड़ाकर पटरी की पड़ताल-बिलासपुर से 140 की स्पीड से 1 घंटे 7 मिनट में रायपुर आई ट्रेन, सेमी हाई-स्पीड की प्रक्रिया शुरू

20 अक्टूबर 2021 | रायपुर-बिलासपुर-दुर्ग के बीच 130 किमी की रफ्तार से ट्रेनें चलाने के 6 माह लेट हो चुके प्रोजेक्ट की औपचारिक प्रक्रिया की शुरुआत मंगलवार को हुई, जब बिलासपुर से एक इंजन और एक पार्सल बोगी को समान रूप से 140 की रफ्तार से दौड़ाकरण 1 घंटे 07 मिनट में रायपुर पहुंचा दिया गया। सुबह 11.12 बजे ट्रायल ट्रेन बिलासपुर से चली और दोपहर 12.19 बजे रायपुर पहुंच गई।

यही नहीं, रायपुर में रुकने के बजाय ट्रेन को सीधे इसी स्पीड से दुर्ग रवाना किया गया और ठीक आधा घंटे (12.49 बजे) में ट्रेन दुर्ग स्टेशन पर लगी। अफसरों के मुताबिक यह एक तरह से जांच प्रक्रिया थी, ताकि पता चले कि दुर्ग-रायपुर-बिलासपुर के बीच सेमी हाईस्पीड (130 किमी प्रतिघंटा) ट्रेन चलाने में क्या बाधाएं आ सकती हैं और पटरियां उपयुक्त हैं या नहीं। माना जा रहा है कि इस ट्रायल रन के बाद प्रदेश में हाईस्पीड ट्रेनें चलाने का लक्ष्य अगले छह माह में हासिल किया जा सकता है।

प्रदेश में सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने का प्रोजेक्ट कोरोना व लॉकडाउन के कारण लेट चल रहा है। लेकिन 140 के स्पीड ट्रायल के बाद अब इस रूट पर ट्रेनों की गति बढ़ने की उम्मीद बढ़ी है। मिली जानकारी के अनुसार पहली ट्रायल ट्रेन को बिलासपुर से अप लाइन पर दौड़ाया गया। रायपुर से दुर्ग के बीच भी वह इसी लाइन से गई। इसके बाद दुर्ग से रायपुर और फिर यहां से बिलासपुर डाउन लाइन से ले जाया गया।

दरअसल अन शहरों के बीच तीन लाइनें हैं। तीसरी लाइन नई बनाई गई है और इसी पर ट्रेन इस स्पीड से गुजरी है। रेलवे अफसर इसे इसलिए महत्वपूर्ण मान रहे हैं क्योंकि तीसरी लाइन पर ट्रेनों की स्पीड 160 तक करने की संभावना बन गई है। गौरतलब है, नागपुर से दुर्ग के बीच ट्रेनों की गति 130 तक कर दी गई है। अब दुर्ग से बिलासपुर तक स्पीड बढ़ जाने से लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी।

ओएमएस से हुई मॉनिटरिंग
देशभर में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए ऑसिलेशन मॉनिटरिंग सिस्टम (ओएमएस) से ट्रैक रिकॉर्डिंग की जाती है। यहां भी ओएमएस स्पेशल ट्रेन दौड़ाकर ही ट्रैक की मॉनिटरिंग की गई। अफसरों ने बताया कि जिन-जिन हिस्सों में सुधार करना है, उसे चिन्हित कर लिया गया है और सुधार कार्य जल्द चालू होगा।

इसके बाद रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजकर स्पीड का फाइनल ट्रायल दिया जाएगा। बता दें कि कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) द्वारा फिटनेस सटिर्फिकेट मिलने के बाद ही रायपुर-बिलासपुर व दुर्ग के बीच ट्रेनों की गति बढ़ाई जा सकती है। उम्मीद है कि अगले महीने के अंत तक सीआरएस की टीम स्पीड ट्रायल कर सकती है।

आज मिडिल लाइन ट्रायल
अप-डाउन दोनों ही लाइनों पर स्पीड ट्रायल सफल होने के बाद अब बुधवार को इसी ट्रेन को मिडिल लाइन पर दौड़ाया जाएगा। इस ट्रैक पर भी ओएमएस स्पेशल की रफ्तार 140 किमी प्रतिघंटा ही रहेगी। मिडिल लाइन से अप और डाउन दाेनों ही दिशा की ट्रेनें चलती हैं, इसलिए इस ट्रैक का परीक्षण भी अहम है।

Source :-दैनिक भास्कर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *