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China की रेल भारत की ‘दहलीज’ तक इसी महीने देगी ‘दस्‍तक’-सैनिक ठिकानों को भी कर रहा दुरुस्त

ByPrompt Times

Jun 9, 2021
  • दक्षिण-पूर्व तिब्बत में निंगची चीन का पुराना सैनिक अड्डा है. अभी यहां पर चीनी सेना की 52वीं और 53वीं माउंटेन इंफेंट्री ब्रिगेड्स का हेडक्वार्टर है. 

09-जून-2021 | चीन (China) की सबसे तेज रेलवे में से एक इस महीने के अंत तक अरुणाचल प्रदेश की दहलीज तक पहुंच जाएगी. तिब्बत की राजधानी ल्हासा से भारत की सीमा से केवल 17 किलोमीटर दूर निंगची (Nyingchi) तक पहुंचने वाली इस रेलवे लाइन को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने पर 30 जून को शुरू कर दिया जाएगा. 

435 किलो मीटर लंबा है रेलवे सेक्शन

निंगची में पहले ही एक एयरपोर्ट है जो तिब्बत के उन चार एयरपोर्ट्स में से एक है जिनका इस्तेमाल नागरिक उड़ानों के अलावा सैनिक उड़ानों के लिए होता है. चीनी राष्ट्रपति जी जिनपिंग (Xi Jinping) इस रेलवे लाइन के बारे में पहले ही कह चुके हैं कि ये चीन की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है. 435 किलो मीटर के इस रेलवे सेक्शन का 90 प्रतिशत हिस्सा तिब्बत के पठार में 15000 फीट से ज्यादा ऊंचाई से गुजरता है. 

2014 में शुरू हुआ था काम

इस रेल मार्ग का निर्माण 2014 में शुरू किया गया था और इसके 75 प्रतिशत हिस्से में पुल या सुरगें हैं. ल्हासा से निंगची तक इस रेलवे लाइन पर 47 रेलवे सुरंगें बनाई गई हैं. इस रेलवे लाइन को 20000 से ज्यादा मजदूरों और इंजीनियर्स ने दिन-रात काम करके बनाया है. चीन ये दावा बार-बार कर चुका है कि निंगची का कुछ इलाका अरुणाचल प्रदेश में शामिल है यानि इस रेलवे लाइन को कम से कम समय में पूरा करने के पीछे भारत के नए इलाकों पर कब्जा करने की चीन की रणनीति का हिस्सा है.

निंगची चीन का पुराना सैनिक अड्डा

दक्षिण-पूर्व तिब्बत में निंगची चीन का पुराना सैनिक अड्डा है. अभी यहां पर चीनी सेना की 52वीं और 53वीं माउंटेन इंफेंट्री ब्रिगेड्स का हेडक्वार्टर है. भारत की सीमा से सटे हुए इस सैनिक बेस को चीन अपने मुख्य सैनिक केंद्रों से रेल और हाईवे से जोड़ने के लिए पिछले एक दशक से प्रयास कर रहा है. 2017 में चीन ने यहां 254 किमी का हाईवे बनाकर इसे ल्हासा से जोड़ा था, जिसके बाद दोनों शहरों के बीच की दूरी 8 घंटे से घटकर 5 घंटे रह गई थी.

सैनिक ठिकानों को भी कर रहा दुरुस्त

चीन यहां तक केवल रेल लाइन और हाई-वे ही नहीं बना रहा है बल्कि यहां के सैनिक ठिकानों को भी बेहतर बना रहा है. सेटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि पिछले कुछ सालों में यहां के एयरपोर्ट और हेलीपैड्स को आधुनिक बनाया गया है. यहां बड़ी तादाद में सैनिकों के रहने की जगहों के अलावा बख्तरबंद गाड़ियों और दूसरे सैनिक साजो सामान को रखने के लिए पक्के ठिकाने भी बनाए गए हैं. 

Source : “Zee News”

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