23 नवंबर 2022 | मध्यप्रदेश में खाद की किल्लत, प्याज-लहसुन के औंधेमुंह गिरे रेट और लचर सरकारी सिस्टम…। चुनाव से पहले इन मुद्दों पर जब किसानों ने हुंकार भरी तो सरकार की टेंशन बढ़ गई। घंटों से सरकार को घेर रहे किसान नेताओं और किसानों को समझाने CM शिवराज सिंह चौहान को ही मंच पर पहुंचना पड़ा। सीएम ने मंच से कई घोषणाएं भी कर दीं, लेकिन किसान नेता फिलहाल पीछे हटने को तैयार नहीं है। सात दिन के विशेष विधानसभा सत्र, भावांतर जैसी मांगें अब भी अधूरी है। आईये जानते हैं, आखिर किसानों को आंदोलन करने सड़क पर क्यों उतरना पड़ रहा है। पढ़िये यह रिपोर्ट…।
सबसे पहले जानिये किसानों ने किन मुद्दों पर किया प्रदर्शन
विधानसभा का 7 दिन का विशेष सत्र बुलाए जाने समेत कुल 18 सूत्रीय मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को राजधानी में बड़ा प्रदर्शन किया। तीन घंटे तक किसान नेताओं ने सरकार को खूब घेरा। आखिर सीएम शिवराज को किसानों के इस मंच पर पहुंचना पड़ा। उन्होंने मंच से ही कई मांगें मान ली। कुछ मांगें अधूरी है। इनमें विधानसभा सत्र, भावांतर योजना आदि शामिल हैं। इसे लेकर किसान आगे भी आंदोलन कर सकते हैं।
क्यों जरूरत पड़ी आंदोलन की
अब जानते हैं कि आखिर आंदोलन की जरूरत क्यों पड़ी…। दरअसल, पिछले एक साल से किसान कई मुद्दों पर लड़ रहे हैं। सबसे खास लहसुन और प्याज के रेट को लेकर। धार, उज्जैन, शाजापुर, आगर समेत कई जिलों में लहसुन के रेट इतने गिर गए कि लागत भी नहीं निकल पाई। 5 रुपए किलो से भी कम रेट मिले। प्याज को लेकर भी यही हुआ। इस दौर से जैसे-तैसे किसान निकले तो तेज बारिश से फसलें बर्बाद हो गईं।
इन दोनों समस्याओं से जुझने के बाद किसानों ने गेहूं-चने की बुआई तो कर ली, लेकिन अब उनके सामने खाद का बड़ा संकट खड़ा हो चुका है। राजगढ़, रतलाम और शाजापुर में सुबह से शाम तक लाइन में लगने के बावजूद किसानों को दो बोरी खाद नसीब नहीं हो रहा है। दूसरी ओर, सरकार दावे कर रही है कि खाद की कहीं कोई परेशानी नहीं है। बस यही बात किसानों के मन में घर कर रही है। आंदोलन में इस मुद्दे पर सरकार को किसान नेताओं ने जमकर घेरा।
अब पढ़िये किसान संघ की आगे की रणनीति
किसानों से जुड़े मुद्दों पर अचानक भारतीय किसान संघ मैदान में उतर पड़ा। मंच से ही राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेताओं ने सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई। महिलाओं ने तो समस्याएं दूर न होने पर मंत्री-विधायकों को चूड़ियां भेंट करने की बात तक कह डाली। वहीं, सीएम के सामने ही सरकारी सिस्टम पर सवाल उठा दिए। आंदोलन को लेकर प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना से बात की…।