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कोरोना इफेक्ट-राजधानी के सरकारी स्कूलों में बढ़ गए 20 हजार बच्चे, कुछ स्कूल तो ऐसे जहां अब तक 400 स्टूडेंट्स थे, लेकिन वहां दर्ज संख्या सीधे पहुंच गई 700

ByPrompt Times

Sep 18, 2021

18-सितम्बर-2021 | कोरोना इफेक्ट से रायपुर के 40 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल बंद हो गए हैं। वहीं सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या 20 हजार से ज्यादा बढ़ गई है। अंग्रेजी माध्यम के स्वामी आत्मानंद स्कूल के सारे सेक्शन फुल हो गए हैं। स्थिति ये है कि एक पाली में लगने वाले स्कूल को दो पाली में लगाने की नौबत आ गई है। वहीं ऐसा एक भी सरकारी स्कूल नहीं जहां बच्चों का प्रवेश हर साल की तुलना में 5-5 गुना ज्यादा न हुआ हो। कुछ प्राइमरी स्कूल तो ऐसे हैं, जिनमें पिछले साल बच्चों की संख्या 400 थी। इस साल 700 बच्चे हो गए हैं।शहर के प्राइमरी और मिडिल स्कूल में हर साल नया सत्र शुरू होने पर औसतन 10 से 20 बच्चे तक बढ़ते हैं। बच्चों की दर्ज संख्या लगातार कम होने के कारण ही 5 साल पहले केवल शहर में तीन दर्जन से अधिक सरकारी स्कूलों को बंद कर बच्चों को आस-पास के स्कूलों में मर्ज किया गया था।इस साल स्थिति उलट है। नए सत्र में बच्चों की संख्या चार-पांच गुना तक बढ़ गई है। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना के तहत इस साल 3 नए स्कूल खोले गए हैं। पिछले साल तक इन स्कूलों में दर्ज संख्या औसतन 200 से 300 तक थी। इस साल स्कूल अंग्रेजी माध्यम में तब्दील हुआ और हर सेक्शन फुल हो गए। दर्ज संख्या सात सौ के पार पहुंच गई।इसके बावजूद स्थिति ये है कि अभी भी लोग बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए किसी न किसी रसूखदार के जरिये फोन करवा रहे हैं। हालांकि सीटें फुल होने के कारण प्रवेश बंद कर दिया गया है। सामान्य हिंदी माध्यम के स्कूलों में भी स्थिति बदली हुई है। मठपुरैना स्कूल में 20 बच्चे प्रवेश लेते थे। इस साल 90 प्रवेश हुए हैं। गोगांव स्कूल में सीधे 300 बच्चे बढ़ गए। संजयनगर, संतोषीनगर, टिकरापारा, खमतराई, गुढ़ियारी, रायपुरा, बिरगांव, राजेंद्रनगर, तेलीबांधा सहित ऐसा कोई स्कूल नहीं जहां बच्चों के बंपर प्रवेश न हुए हों।

बड़े निजी स्कूलों में भी एडमिशन कम
कोरोना काल में निजी स्कूलों में प्रवेश को लेकर स्थिति अच्छी नहीं है। छोटे स्कूलों के अलावा बड़े स्कूलों में भी दाखिले कम हुए हैं। कुछ निजी स्कूलों के अधिकारियों ने बताया कि उनके यहां पहले प्रवेश के लिए होड़ मची रहती थी, इस बार 40 से 50 प्रतिशत तक सीटें खाली है। कोरोना काल में कई बच्चों ने टीसी भी लिया। इसलिए छात्र संख्या भी कम हुई है।

बिलासपुर में बढ़े 10 हजार बच्चे
बिलासपुर के सरकारी स्कूलाें में पिछले सत्र की तुलना में अचानक 10 हजार बच्चे बढ़ गए हैं। बिलासपुर जिले के 1858 सरकारी, 540 निजी और 66 अनुदान प्राप्त व अन्य स्कूलों में 4 लाख 15 हजार 655 छात्र हैं। एक ओर जहां सरकारी स्कूलाें में बच्चे बढ़े हैं वहीं प्राइवेट स्कूलाें में कम हाेने से 9 स्कूल बंद हाे गए। इसे काेराेना इफेक्ट भी बताया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने जिले में 8 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम योजना के नाम से खोले हैं। इन स्कूलों में एक-एक सीट के लिए जबरदस्त खींचतान चल रही है। दाखिला दिलवाया।

दुर्ग में भी 4 हजार का आंकड़ा पार
दुर्ग जिले में भी इस साल सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या औसत से करीब चार हजार बढ़ी है। इस वजह से सरकारी स्कूलों में बच्चों की दर्ज संख्या 1 लाख 67 हजार 243 हो गई है। कोरोना से पहले इन स्कूलों में वर्ष 2019-20 में 1 लाख 57 हजार 378 विद्यार्थी पढ़ रहे थे। कोरोना काल के पहले साल वर्ष 2020-21 में सरकारी स्कूलों की दर्ज संख्या 1 लाख 62 हजार 19 थी। इस साल 4 हजार 781 बच्चों ने ज्यादा दाखिला लिया। वर्तमान शैक्षणिक सत्र वर्ष 2021-22 में दाखिला और बढ़ा। इस साल अब तक 5 हजार 224 ज्यादा विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में दाखिला ले चुके हैं।

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