भोपाल. पूरे देश के साथ मध्य प्रदेश (MP) में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) लगना शुरू हो जाएगी. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी इसका ऐलान कर दिया है. पहले चरण में सबसे पहले स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े स्टाफ को वैक्सीन लगायी जाएगी.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि मध्य प्रदेश में भी 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत कर दी जाएगी. सबसे पहले कोरोना वॉरियर्स और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को वैक्सीन लगायी जाएगी. प्रदेश में इस वक्त इनकी संख्या 4 लाख 16,000 है. इस सभी को सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी. उसके बाद पुलिस स्टाफ, सफाई कर्मचारियों सहित अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी.
टीम तैयार
कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccination) के लिए मध्य प्रदेश तैयार है. वैक्सीन स्टोर से लेकर वैक्सीन सेंटर तक पूरी तैयारी कर ली गई है. इस वैक्सीन की सुरक्षा की 100 फीसदी गारंटी दी जा रही है. हर स्तर पर इसका सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. मध्य प्रदेश में सबसे पहले चार लाख स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का टीका सरकारी अस्पतालों में लगाया जाएगा. इसके बाद बुजुर्गों, बीपी, डायबिटीज और कैंसर जैसे रोगों से जूझ रहे मरीजों को टीका लगाया जाएगा. पहले भारत सरकार ने 65 साल से ऊपर के लोगों को टीका लगाने का निर्णय लिया था, लेकिन अब 50 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगाने पर सहमति बनी है. प्रदेश की आबादी में 50 साल के ऊपर के करीब 20 फीसदी लोग हैं. करीब चार फीसदी आबादी डायबिटीज, 10 से 12 फीसदी ब्लड प्रेशर से पीड़ित है.
1214 चेन प्वॉइंट
वैक्सीन के स्टोरेज वाले कोल्ड चेन पॉइंट टीकाकरण केंद्र के इतने पास रखे गए हैं कि एक घंटे के भीतर वैक्सीन वहां पहुंचाई जा सके. पूरे प्रदेश में इन कोल्ड चेन पॉइंट की संख्या 1214 है. इन पॉइंट के मामले में मध्य प्रदेश देश में दसवें नंबर पर है, जबकि वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या एक करोड़ से ज्यादा है. इसलिए 62 और पॉइंट बनाए जा रहे हैं. टीका बाएं हाथ में लगाया जाएगा। दो टीके लगेंगे। दूसरा एक महीने बाद लगेगा.
चार शहरों में दिए जाएंगे 9 लाख डोज
प्रदेश के 4 शहरों को 9 लाख डोज दिये जाएंगे. इंदौर को जहां 2.52 लाख डोज दिये जाएंगे. वहीं, भोपाल को 1 लाख 89 हजार। देशभर में 2 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन 41 शहरों में 100 से ज्यादा फ्लाइट के जरिए पहुंचाई जाने की तैयारी है.
SMS से सूचना
भोपाल के जिला टीकाकरण अधिकारी कमलेश अहिरवार ने बताया कि चिन्हित मरीजों को एसएमएस भेजकर टीकाकरण के लिए बुलाया जाएगा. इसके बाद भी कुछ ऐसे लोग छूट जाएंगे, जो सर्वे में शामिल नहीं हो पाए थे. इसके बाद बाहर से आए हैं या फिर बाद में उन्हें बीमारी का पता चला है. ऐसे लोगों की पहचान के लिए अस्पतालों में अलग काउंटर बनाए जाएंगे. वह काउंटर पर जांच रिपोर्ट, अन्य चिकित्सकीय दस्तावेज दिखाकर टीकाकरण के लिए अपना पंजीयन करा सकेंगे. जिन्हें अभी तक बीपी और शुगर की बीमारी का पता नहीं है. वह भी सरकारी अस्पताल में हफ्ते में दो बार जांच कराने के बाद बीमारी निकलती है तो वह पंजीकृत हो सकेंगे.