15-सितम्बर-2021 | जो बाइडेन के व्हाइट हाउस प्रवेश के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली अमेरिका यात्रा का कार्यक्रम तय हो गया है। अमेरिका 24 सितंबर को पहली बार चार देशों के समूह क्वाड्रिलेट्रल सिक्योरिटी डायलॉग (क्वाड) के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इसमें प्रधानमंत्री मोदी भी हिस्सा लेंगे। कोरोनाकाल में यह व्यक्तिगत उपस्थिति वाला पहला क्वाड सम्मेलन होगा। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी की पहली आमने-सामने की मुलाकात भी होगी। अफगानिस्तान से अमेरिका की रुखसती और तालिबान के सत्तासीन होने के बीच इस शिखर सम्मेलन का महत्व बढ़ गया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सम्मेलन की तारीख तय होने के साथ ही अमेरिका ने तालिबान से नजदीकियों पर पाकिस्तान के प्रति सख्त रवैया दिखाना शुरू कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा है कि अमेरिका आने वाले दिनों में पाकिस्तान के साथ रिश्ते को लेकर समीक्षा करेगाअमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों सहित तालिबान को पालता पोसता रहा है। दूसरी तरफ आतंकरोधी गतिविधियों में हमारा भी सहयोग कर रहा है। वह लगातार दो नाव की सवारी कर रहा है। अमेरिका पाकिस्तान की भूमिका पर गौर करेगा। यह भी देखेगा कि पाकिस्तान को आने वाले दिनों में किस तरह की भूमिका में होना चाहिए।
माेदी 25 काे UN महासभा को भी संबोधित करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र की साधारण सभा को भी संबोधित करेंगे। इसमें 100 से अधिक देशों और सरकार के प्रमुख व्यक्तिगत रूप से भाग लेंगे। कोरोना महामारी के कारण 2020 में यह बैठक ऑनलाइन हुई थी।ऑस्ट्रेलिया और जापान के राष्ट्राध्यक्ष भी आएंगे क्वाड शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी अपने समकक्षों- ऑस्ट्रेलिया के स्कॉट मॉरिसन और जापान के योशीहिदे सुगा के साथ हिस्सा लेंगे। संगठन का चौथा सदस्य अमेरिका है। वहीं, क्वाड पर चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दूसरे देश काे निशाना बनाने के इरादे से बने संगठनाें का भविष्य नहीं है।सीनियर रिसर्च एसोसिएट राजीव नयन ने कहा कि बाइडेन का यह पहला क्वाड सम्मेलन है और वह इसे ऐतिहासिक बनाना चाहेंगे। भारत कोविड-19 से लड़ाई में अमेरिकी सहयोग चाहता है जबकि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बाइडेन प्रशासन का जोर है। साइबर सुरक्षा और उदीयमान टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग चारों क्वाड देशों के लिए साझा हित का मामला है। भारत इस शिखर बैठक में उन्नत टेक्नोलॉजी के आदान-प्रदान के लिए बुनियादी सहमति का लक्ष्य लेकर चल रहा है।