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दावोस एजेंडा 2022 शिखर सम्मेलन – पीएम मोदी बोले- लगातार काम कर रहे हैं भारत के सॉफ्टवेयर इंजीनियर, हमने विश्व को दी उम्मीदों की टोकरी

18 जनवरी 2022 | विश्व आर्थिक फोरम के ऑनलाइन दावोस एजेंडा 2022 शिखर सम्मेलन में मोदी ने भारत में उभरते कारोबारी क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा, यूनिकॉर्न के मामले में भारत में दुनिया का तीसरा देश है जहां पिछले 6 महीने में 10 हजार से अधिक स्टार्टअप रजिस्टर हुए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत पूरी दुनिया में रिकॉर्ड संख्या में सॉफ्टवेयर इंजीनियर भेजता है और भारत में अभी 50 लाख से अधिक सॉफ्टवेयर विकासकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भारत के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों ने लगातार काम किया है।

विश्व आर्थिक फोरम के ऑनलाइन दावोस एजेंडा 2022 शिखर सम्मेलन में मोदी ने भारत में उभरते कारोबारी क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा, यूनिकॉर्न के मामले में भारत में दुनिया का तीसरा देश है जहां पिछले 6 महीने में 10 हजार से अधिक स्टार्टअप रजिस्टर हुए हैं। दुनिया के सामने मौजूद नई चुनौतियों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी, महंगाई, जलवायु परिवर्तन और आपूर्ति शृंखला से जुड़ी चुनौतियों गिनाईं और कहा कि इनके खिलाफ कोई अकेला देश नहीं लड़ सकता।

दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म भारत में
भारत के वैश्विक आपूर्ति शृंखला के प्रति समर्पित भागीदार होने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कोविड काल में दुनिया के कई देशों में दवा और वैक्सीन की आपूर्ति का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात पर भी जोर दिया कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा दवा निर्माता देश है जिसने कोविड के समय ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’, के संकल्प के साथ करोड़ों लोगों को जरूरी दवाएं और टीका उपलब्ध कराया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा, सुरक्षित और सफल डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म है। उन्होंने कहा, सिर्फ पिछले एक महीने में भारत में एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये 4.4 अरब लेन-देन हुए हैं।

हमने विश्व को दी उम्मीदों की टोकरी
पीएम ने कहा, भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष होने का जश्न मनाने के साथ-साथ कोविड वैक्सीन के 156 करोड़ डोज लगा चुका है। ऐसा करके भारत ने विश्व को उम्मीदों की टोकरी उपहार में दी है। उन्होंने कहा, इस टोकरी में हम भारतीयों का लोकतंत्र में हमारा अटूट विश्वास, 21वीं सदी को सशक्त बनाने वाली तकनीक, योग्यता और मिजाज भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि भारत बहुभाषी और बहुसांस्कृति देश है जो संपूर्ण मानवता के कल्याण की सोचता है, सिर्फ अपनी नहीं।

फिर कहा, क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ एकजुट हो दुनिया : पीएम ने एक बार फिर आभासी मुद्रा क्रिप्टोकरेंसी से निपटने के लिए दुनिया के सामूहिक प्रयास की बात कही। उन्होंने कहा, इसके लिए जिस तरह की तकनीक इस्तेमाल की जाती है, उसे देखते हुए किसी एक देश का फैसला चुनौती से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है। हमें इस बारे में एक तरह से सोचना होगा।

निम्न आय वाले देश प्रतिकूल हालत में : गुटेरस
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा है कि कोविड महामारी के कारण विश्व की आर्थिक स्थिति में सुधार बहुत नाजुक स्थिति में है और इसमें भी निम्न आय वाले देशों की हालत प्रतिकूल है। विश्व आर्थिक फोरम के दावोस एजेंडा बैठक में आभासी रूप से शामिल हुए गुटेरस ने कहा, दुनिया महामारी से उबर रही है लेकिन सुधार बहुत नाजुक है। कुछ देशों में टीकाकरण की दर अफ्रीका के देशों के मुकाबले सात गुनी तेज है। अनाज के बढ़ते दामों ने गरीब देशों में आर्थिक सुधार को और चोट पहुंचाई है। वैश्विक वित्तीय व्यवस्था ने उस समय उनका साथ नहीं दिया जब उन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत थी और इस मामले में वैश्विक एकजुटता में कमी है।

दोषारोपण के बजाय साथ लड़ने से मिलेगी महामारी से मुक्ति : जिनपिंग
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोविड महामारी से मुक्ति पाने के लिए दोषारोपण के बजाय मिलकर लड़ने की सलाह दी है। जिनपिंग ने कहा कि महामारी के कारण कई विकासशील देश गरीबी की तरफ पहुंच गए हैं और मुश्किल में हैं। विकसित देशों को जवाबदेह आर्थिक नीतियां अपनानी चाहिए। चीन अफ्रीकी देशों के कोविड वैक्सीन की एक अरब और एशियाई देशों को 15 करोड़ डोज उपलब्ध कराएगा।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) के दावाेस एजेंडा समिट (डीएएस) के वर्चुअल सत्र में दुनिया के हलात पर चर्चा के दौरान संबोधन में जिनपिंग ने कहा कि महामारी की जकड़ से निकलकर मानवता निश्चित रूप से आगे बढ़ेगी, लेकिन इसके लिए दुनिया को साथ मिलकर महामारी को हराना होगा। उन्होंने कहा कि यह महामारी लंबे समय तक चलने वाली साबित हो रही है, जिससे स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। ऐसे हालात में एक-दूसरे पर दोषारोपण करने से उद्देश्यों से भटकाव के अलावा कुछ और हासिल नहीं होगा।

Source;-“अमर उजाला”

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