• April 26, 2024 4:45 am

दिल्ली सरकार उठा रही प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम, आज मुख्यमंत्री ने बायो डी कम्पोज़र घोल छिड़काव का किया शुभारंभ

ByPrompt Times

Oct 14, 2020
दिल्ली सरकार उठा रही प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम, आज मुख्यमंत्री ने बायो डी कम्पोज़र घोल छिड़काव का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को नरेला के हिरनकी गांव स्थित खेत में पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंघान संस्थान के विज्ञानियों द्वारा तैयार किए बायो डी- कंपाेजर घोल के छिड़काव का शुभारंभ किया और पराली जलाने के कारण बढ़ रहे प्रदूषण की समस्या के निराकरण के लिए सबको मिलकर गंभीरता से काम करने की जरूत पर जोर दिया। उनके साथ पर्यावरण मंत्री गोपाल राय भी थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 10 महीने से दिल्ली में नियंत्रित प्रदूषण फिर प्रदूषण बढ़ने लगा है। आसपास के राज्यों में पराली जलाने का काम शुरू हो गया है। जिसका धुंआ धीरे-धीरे दिल्ली पहुंचने लगा है।

मुझे चिंता दिल्ली के साथ पंजाब व हरियाणा के लोग की भी है, क्योंकि पराली जलाने से पंजाब से आने वाला धुंआ दिल्ली तक आते-आते थोड़ा कम हो जाता है, लेकिन पंजाब में जहां किसान पराली जलाने के लिए मजबूर हो रहे हैं, वहां कितना प्रदूषण होता होगा, यह सोचने की बात है। वहां के किसान मजबूरी में पराली जलाते हैं।

इस समस्या से पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के किसान के साथ दिल्ली की जनता भी दुखी हो रही है और सारी सरकारें आंख बंद करके बैठी हुई हैं। उम्मीद है कि बाकी सभी सरकारें भी पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम को लेकर ठोस कदम उठाएंगी। ताकि उत्तर भारत को प्रदूषण से मुक्ति मिल सके।

उन्होंने कहा कि इस मसले पर आरोप प्रत्यारोप को छोड़कर सभी सरकार व एजेंसियों को बहुत गंभीरता के साथ काम करना पड़ेगा। कई वर्षों से हर साल अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर में पूरा उत्तर भारत प्रदूषण की चपेट में आ जाता है, फिर भी ऐसा क्यों है कि सरकारों की तरफ से कोई कदम नहीं उठाए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि दिल्ली सरकार अपने किसानों के खेतों में घोल का छिड़काव कर सकती है, तो बाकी सरकारें भी कर सकती हैं। जब हमने इस तकनीक के इस्तेमाल की शुरूआत की थी, उस दौरान केंद्र सरकार से संपर्क करने की काफी कोशिश की थी। अगर केंद्र सरकार चाहती, तो इस साल प्रदूषण कुछ तो कम कर सकती थी। हमें इस तकनीक के बारे में सितंबर महीने में जानकारी मिली, जबकि केंद्र सरकार को भी इस बारे में पता

करीब आठ सौ हेक्टेयर जमीन पर घोल का होगा मुफ्त छिड़काव

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में करीब 800 हेक्टेयर जमीन है, जहां गैर बासमती धान उगाया जाता है, जिसमें पराली निकलती है। इस पराली को जलाने की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए अब यह घोल खेतों में छिड़का जाएगा। अगले कुछ दिनों में यह काम पूरा हो जाएगा। उसके 20-25 दिन के अंदर सारी पराली खाद में बदल जाएगी और किसानों को अगली फसल बोने के लिए जमीन तैयार हो जाएगी। घोल के छिड़काव का सारा इंतजाम दिल्ली सरकार ने निशुल्क किया है। सारा घोल दिल्ली सरकार ने बनवाया है और इसके छिड़काव ट्रैक्टर और छिड़कने वालों समेत सभी इंतजाम दिल्ली सरकार ने किया है। किसान को इसके लिए कोई कीमत नहीं देने की जरूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *