दिल्ली सरकार ने बच्चों में कौशल को बढ़ावा देने के लिए एक और वर्ल्ड क्लास सेंटर की शुरुआत की है। सोमवार को जेल रोड हरि नगर स्थित आटीआई कैंपस में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस सेंटर का उद्घाटन किया। इस सेंटर के लिए सरकार ने सन फाउंडेशन का सहयोग लिया है।
यह दिल्ली का आठवां वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर होगा। इसमें आठवीं से स्नातक स्तर के छात्रों के लिए 10 कोर्स शुरू किए गए हैं। उपमुख्यमंत्री ने सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि दिल्ली सरकार अपने वर्ल्ड क्लास कौशल केंद्रों के माध्यम से बच्चों को कुशल बनाना चाहती है।
बेरोजगारी की समस्या को केवल कौशल के माध्यम से दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा सपना है कि हर बच्चा पढ़ लिख सके और कुशल बने। सेंटर की शुरुआत इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सिसोदिया ने कहा कि हम दिल्ली का आठवां वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर शुरू कर रहे हैं। पहला सेंटर सिंगापुर के सहयोग से 2015 में शुरू किया गया था। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के बाद सबसे ज्यादा नौकरी उन लोगों को मिली है जिन्हें कोई न कोई कौशल आता था। इसलिए दिल्ली सरकार अपने वर्ल्ड क्लास कौशल केंद्रों के माध्यम से बच्चों को कुशल बनाना चाहती है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में हर साल ढाई लाख बच्चे स्कूल से निकलते हैं, उनमें से केवल सवा लाख बच्चों को ही दिल्ली के उच्च शिक्षा संस्थान दाखिला दे पाते हैं। दिल्ली सरकार की योजना है कि उन बच्चों को स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि वो जीवन में अपने स्किल के माध्यम से कुछ नया कर सकें। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार की कोशिश है कि यहां से छात्रों को जो प्रमाणपत्र मिले वह किसी विश्वविद्यालय के प्रमाण पत्र के रुप में मिले।
सेंटर में शुरू किए गए यह कोर्स
राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क पर आधारित व राष्ट्रीय कौशल विकास निगम द्वारा मान्यता प्राप्त इस प्रोग्राम में असिस्टेंट फैशन डिजाइनर, इंटीरियर डिजाइनर, असिस्टेंट ब्यूटी थेरेपिस्ट, फील्ड इंजीनियर, वेब डेवलपर, कोडिंग कोर्स, सॉफ्टवेयर डेवलपर कोडिंग कोर्स, ग्राफिक डिजाइनर, ड्यूटी असिस्टेंट, डेटा-एंट्री ऑपरेटर, सोलर पैनल इंस्टालेशन टेक्नीशियन कोर्स शुरू किए गए हैं। इसके अलावा ट्रेनीज को डिजिटल साक्षरता, स्पोकन इंग्लिश ए सॉफ्ट स्किल और पर्सनालिटी डेवलेपमेंट भी सिखाया जाएगा। ये सभी कोर्स मुफ्त एवं छह महीने की अवधि के होंगे। इस स्किल सेंटर से हर साल ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से लगभग 800 ट्रेनीज को लाभ मिलेगा।