प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे मिशन के तहत उत्तराखंड में 521 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का मंगलवार को वर्चुअल लोकार्पण किया। इनमें सात सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और एक गंगा संग्रहालय हैं। एसटीपी परियोजनाओं के शुरू होने से उत्तराखंड से अब प्रतिदिन 15.2 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा नदी में नहीं बहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष हरिद्वार में कुंभ मेला है। इसमें श्रद्धालु गंगा की निर्मलता का अनुभव करेंगे। उत्तराखंड में नमामि गंगे के तहत लगभग सभी प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं। राज्य में छह साल में सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता को चार गुना कर दिया गया है। लगभग सभी नालों को टैप कर दिया गया है। इनमें चंद्रेश्वर नाला भी शामिल है।
यहां देश का पहला चार मंजिला एसटीपी शुरू हो चुका है। पीएम ने कहा लोगों ने प्रयागराज कुंभ देखा है। अगले वर्ष हरिद्वार कुंभ मेला है। सैकड़ों घाटों का सौंदर्यीकरण किया गया है। साथ ही रिवर फ्रंट भी बनकर तैयार है। गंगा म्यूजियम से हरिद्वार आने वाले लोग गंगा से जुड़ी विरासत को समझ पाएंगे।
गंगा किनारे क्षेत्रों में आर्थिकी व पर्यावरण पर फोकस
प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा के निकटवर्ती पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर फोकस किया जा रहा है। यहां जैविक खेती और औषधीय पौधों की खेती की योजना है। आर्गेनिक फार्मिंग कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। मिशन डॉल्फिन से डॉल्फिन संवर्धन में मदद मिलेगी।
इन प्रोजेक्टों का पीएम ने किया लोकार्पण
पीएम ने जगजीतपुर हरिद्वार में 230 करोड़ रुपये से बना 68 एमएलडी क्षमता के एसटीपी, 20 करोड़ की लागत से बना 27 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी, सराय हरिद्वार में 13 करोड़ की लागत से बना 18 एमएलडी क्षमता का अपग्रेडेड एसटीपी, चंडीघाट हरिद्वार में गंगा के संरक्षण और जैव विविधता को प्रदर्शित करता ‘गंगा संग्रहालय’, लक्कड़ घाट, ऋषिकेश में 158 करोड़ की लागत से बना 26 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, चंद्रेश्वर नगर-मुनिकीरेती में 41 करोड़ की लागत से बना 7.5 एमएलडी क्षमता का एसटीपी, चोरपानी, मुनिकीरेती में 39 करोड़ की लागत से बना पांच एमएलडी क्षमता का एसटीपी और बदरीनाथ में 19 करोड़ की लागत से बना 1.01 एमएलडी क्षमता का एसटीपी शामिल हैं। उन्होंने रोविंग डाउन द गंगेज व ग्राम पंचायतों और पानी समितियों के लिए बनाई गई मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया।
नमामि गंगे मिशन : नई सोच और नई एप्रोच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नमामि गंगे मिशन, नई सोच और नई एप्रोच के साथ शुरू किया गया है। यह देश का सबसे बड़ा नदी संरक्षण अभियान है। अगले 15 वर्षों की आवश्यकता के अनुसार एसटीपी की क्षमता रखी गई। गंगा के किनारे लगभग 100 शहरों और पांच हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया गया है। गंगा की सहायक नदियों को भी प्रदूषण से मुक्त रखने का काम किया जा रहा है।
पीएम ने मुख्यमंत्री की थपथपाई पीठ
प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड के गांवों में एक रुपये में पानी का कनेक्शन देने की योजना पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार एक कदम और आगे बढ़ी है। उन्होंने केवल एक रुपये में पानी का कनेक्शन देने का बीड़ा उठाया है। वर्ष 2022 तक हर घर नल से जल देने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तराखंड में कोरोना काल में भी पिछले चार-पांच माह में 50 हजार परिवारों को पानी का कनेक्शन दिया गया, जो उत्तराखंड सरकार के संकल्प को दर्शाता है।
दो अक्तूबर से स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में अभियान
पीएम ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत दो अक्तूबर से 100 दिनों में सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल पहुंचाने का अभियान चलेगा।
पीएम ने गिनाए अपनी सरकार के काम
पीएम ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद देश हित में बहुत से बड़े काम किए गए। इनमें कृषि विधेयक, डिजिटल इंडिया, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन शामिल हैं। वन रैंक वन पेंशन से उत्तराखंड के एक लाख से अधिक पूर्व सैनिक लाभान्वित हुए। सर्जिकल स्ट्राइक से आतंकवाद को चोट पहुंचाई गई। राफेल से वायुसेना की ताकत काफी बढ़ी है। सरदार पटेल की मूर्ति राष्ट्रीय एकता और अखंडता की प्रतीक है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से सारी दुनिया योग के महत्व से परिचित हुई। अयोध्या में रामजन्म भूमि मंदिर का भूमि पूजन किया गया। देश को ताकतवर बनाने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया गया है।
कुंभ से पहले टैप हो जाएंगे सभी 135 नाले : सीएम
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पीएम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 16 नगरों के लिए स्वीकृत 19 योजनाओं में से 15 योजनाएं पूरी हो गईं। शेष कुंभ से पहले पूरी हो जाएंगी। प्राथमिकता के इन नगरों में चिन्हित किए गए 135 नालों में से 128 टैप किए गए हैं। शेष कुंभ से पहले टैप हो जाएंगे। गंगा किनारे विभिन्न स्थानों पर 21 स्नान घाट और 23 मोक्षधाम बनाए गए हैं।
गंगा में दिखने लगी है डाल्फिन और महाशिर मछलियां
सीएम ने बताया कि पीएम के प्रयासों से नमामि गंगे अभियान के तहत गंगा में अब डाल्फिन और महाशिर मछलियां फिर से दिखने लगी हैं। गंगा नदी के कैचमेंट एरिया में जैविक खेती को नमामि गंगे कार्यक्रम में प्रोत्साहन दिया जा रहा है। योजना के तहत निर्मित एसटीपी से निकलने वाले शोधित जल को भी कृषकों को सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। गंगा के किनारे आर्गेनिक खेती व औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
हरिद्वार में कुंभ मेले के समय आचमन योग्य होगी गंगा: शेखावत
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि अगले साल हरिद्वार में कुंभ मेले के समय गंगा आचमन योग्य होगी। रिसाइकिल पानी को रियूज करने का भी प्रयास किया जा रहा है। गंगा की सहायक नदियों पर भी प्रभावी काम कर रहे हैं। गंगा प्रवाह क्षेत्र में 315 परियोजनाएं अभी तक इसमें ली गई हैं। कुल 28854 करोड़ की स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से 9 हजार करोड़ की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
राज्यपाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री स्पीकर भी जुड़े
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया सहित अन्य महानुभाव इस दौरान जुड़े। इसके साथ ही उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मदन कौशिक, सांसद तीरथ सिंह रावत, मेयर ऋषिकेश अनिता ममगाई, विधायक आदेश चौहान विभिन्न स्थानों से वीडियो कांफ्रेंसिंग कार्यक्रम में उपस्थित रहे।