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बदहाली की कगार पर धौलपुर का पत्थर व्यवसाय, कारीगरों ने लगाई यह गुहार

ByPrompt Times

Oct 2, 2020
बदहाली की कगार पर धौलपुर का पत्थर व्यवसाय, कारीगरों ने लगाई यह गुहार

धौलपुरजिले में पत्थर का प्रमुख रूप से व्यवसाय है. इस व्यवसाय में सरमथुरा, बरौली, आंगई, चिलाचोन्द, बाड़ी में रुंध का पुरा और रीको एरिया, बसेड़ी में क़रीब 200 गैंगसा यूनिट कार्यरत है, जिसमें इस व्यवसाय से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से क़रीब 1 लाख व्यक्ति जुड़े हुए हैं. पिछले 6 माह से कोरोना महामारी के कारण आधी से ज्यादा गैंगसा यूनिट बन्द पड़ी हुई है, जिससे अब ये परिवार बदहाली के कगार पर है.

धौलपुर जिले में खनिज और पत्थर व्यवसाय से करीब 20 हजार परिवारों का भरण पोषण होता है. कृषि और दूध के डेयरी के बाद पत्थर का व्यापार प्रथम स्थान पर है. यहां पर करीब 200 गैंगसा यूनिट, 50 के करीब स्पीडिंग प्लांट, 200 के करीब कट्टर मशीन तथा 150 माइंस लीज उपलब्ध है. परन्तु अब ये बदहाली के कगार पर है.

इसका प्रमुख कारण रायल्टी की दरें राजस्थान सरकार की खनिज विभाग द्वारा 155 रुपये प्रति टन की जगह 240 रुपये प्रति टन की रायल्टी वसूल की जा रही है. वह बहुत ही अनुचित हैं. धौलपुर जिला राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसा हुआ है. यहां की भौगिलिक स्थीती अलग तरह की हैं. राजस्थान में सभी तरह का पत्थर जैसे कोटा, मार्बल, ग्रेनाइट और सैंड स्टोन की अपार मात्रा में खदान है. वहां रॉयल्टी की दरें सैंड स्टोन से बहुत कम हैं. धौलपुर जिले में पत्थर के ब्लॉक की रेट करीब 150 रुपए टन से लेकर 200 रुपये टन की है जबकि रॉयल्टी की दरें 240 रुपये प्रति टन है. पत्थर की कीमत से ज्यादा रॉयल्टी की वसूल की जा रही है. यहां की खानों से 90% पत्थर चितकबरा, भर्रा, काला पत्थर निकलता है, जो गरीबों के लिए छत डालने के लिये काम में आता है. इसके बावजूद राजस्थान के खनिज विभाग द्बारा रॉयल्टी की दरें 20% से लेकर 60% बढ़ाने जा रही है. वो बहुत ही अनुचित और अव्यहारिक है. कोरोना महामारी के कारण पिछले 6 माह से यह व्यापर बुरी तरह मंदी की चपेट में आ गया है. मंदी के कारण कारीगर, मजदूर तथा व्यापारी दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे है.

स्टोन पोलिशर्स एशोशियन के जिलाध्यक्ष मुन्नालाल मंगल का कहना है कि अगर जिले के व्यापारी एक नहीं हुए तो बेरोजगार के चलते चम्बल के बीहड़ों में बागी फिर से बन्दूकें उठाने लगेंगे तथा भूखे मरने की नौबत आ जाएंगी. अब राजस्थान सरकार खनिज पर 20% से लेकर 60% की रॉयल्टी बढ़ाने जा रही है, वह सवर्था अनुचित है. जिले के पत्थर व्यवसायी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा से मिले है. उन्होंने भी राज्य सरकार से बात कर रायल्टी कम करने का आश्वसन दिया है.

स्टोन एशोशियन के महामंत्री रामवरन शर्मा का कहना है कि जिले में बेरोजगारी बहुत बढ़ी हुई है. लोग चोरी लूट आदि करने पर मजबूर हो रहे हैं. इनको तुरन्त प्रभाव से रोका जाये. लोग कोरोना महामारी के बाद बेहद तनाव तथा निराशा में डूबे हुए हैं. दो बार खनिज मंत्री प्रमोद जैन भाया को ज्ञापन दे चुके हैं कि तुरन्त रायल्टी की दरों को कम किया जाये. तथा सैंड स्टोन पर पहले से ही ज्यादा रेट है. जिले में रायल्टी दरें नहीं बढ़ाई जाए.

बाड़ी उपखण्ड के रीको में पहले 20 यूनिट पत्थर इकाई थी, लेकिन वर्तमान में यह चार रह गई है, वह भी बन्द के कगार पर है. जिले 200 पत्थर इकाई जिले में थी लेकिन आज 100 के लगभग रह गई है, वह भी बन्द के कगार की स्थिति है. वहीं, जिले में माइंस विभाग ने पत्थर लीज 80 निकाली थी, लेकिन एक भी लीज को लेने में किसी ने भी रुचि नहीं दिखाई है.

इन सभी समस्यायों के लिये जिला स्टोन पोलिशर्स एसोशियन के जिलाध्यक्ष मुन्ना लाल मंगल ने बताया कि धौलपुर जिले के पत्त्थर व्यवसायियों की जिले की एक बड़ी मीटिंग जल्द रखेंगे, जिसमें बाड़ी के विधायक गिर्राज सिंह मालिंगा को बुलाया जाएगा. जिसमें पत्त्थर से जुडी हुई जितनी समस्या है, वो विधायक के समक्ष रखी जाएगी, जो हमारी समस्याओं और आवाज को सरकार तक पहुंचाए, जिससे समस्यायें का निराकरण हो सके.

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