किशनगंज। कोचाधामन प्रखंड क्षेत्र में 95 फीसद किसान धान की कटनी हो चुकी है। बावजूद सरकार की ओर से धान की खरीदारी विलंब से शुरू किया जाना किसानों के लिए फायदेमंद साबित नहीं हो पा रही है। रजिस्ट्रेशन और भुगतान में विलंब की समस्या की वजह किसान 1200-1300 सौ रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर व्यापारी के हाथों धान बेचने को मजबूर हैं। जबकि धान खरीद का सरकारी दर सामान्य धार के लिए 1868 रुपये प्रति क्विंटल है। बढि़या धान का सरकारी मूल्य 1888 रुपये प्रति क्विंटल है।
इस साल प्रखंड क्षेत्र में 13 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर धान की खेती की गई है। राज्य सरकार किसानों के हित को ध्यान में रख कर धान खरीद की बात तो करती है लेकिन इसका फायदा कि छोटे किसानों को पूर्ण रूप से नहीं मिल पाता है। जब किसान धान बेच चुके होते हैं तब जाकर सरकारी तंत्र धान खरीद की प्रक्रिया शुरू कर रही होती है। नजरपुर पंचायत के बूढ़ीमारी निवासी किसान सलमान अख्तर ने बताया कि मुझ जैसे छोटे किसान धान बेचकर रबी फसल की बोआई करते हैं। पैक्सों में धान खरीदारी शुरू नहीं होने से हमलोग व्यापारी के पास औने-पौने दामों पर धान बेचने को मजबूर हैं।
तेघरिया पंचायत के गौरामनी निवासी अफजल हुसैन ने कहा कि बाजार में धान 1200-1300 सौ रुपये क्विंटल बिक रहा है। रबी फसल की बोआई और महाजन का कर्ज चुकाने के लिए कटनी के साथ ही फसल बेचना मजबूरी है। जिस कारण किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है।
कोचाधामन पंचायत के दाती निवासी किसान नुरुल हक ने बताया कि हर साल जब छोटे किसान बाजार में धान बेच चुके होते हैं तब जाकर सरकार की ओर से धान की खरीददारी शुरू की जाती है। ऐसे में छोटे किसानों को इसका कोई फायदा नहीं होता। सारा लाभ बड़े किसान या बड़े व्यापारी ही उठाते हैं। कमलपुर पंचायत के कौआउड़ा निवासी नोनी प्रसाद मंडल ने बताया कि सरकार को नवंबर माह के शुरू में ही धान की खरीदारी शुरू कर देना चाहिए, ताकि छोटे किसान लाभान्वित हो। साथ ही पैकसों में धान बेचने की प्रक्रिया में बदलाव करना चाहिए। जटिल प्रक्रिया के कारण भी छोटे किसान पैक्स में धान नहीं बेच पाते हैं और उन्हें इसका सही लाभ नहीं मिल पाता है। कोट – प्रखंड के 24 में से 22 पैक्सों में धान खरीद शुरू हो गई है। धान खरीदारी को लेकर पैक्सों द्वारा किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है। प्रत्येक पैक्स चार हजार क्विंटल व व्यापार मंडल आठ हजार क्विंटल तक धान की खरीदारी कर सकता है। किसी कारणवश जिन पैक्सों को धान खरीदारी की अनुमति नहीं दी गई है, वहां के किसान निकटवर्ती पैक्स में धान की बिक्री कर सकते हैं। – मुकेश कुमार, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, कोचाधामन