पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने के चलते दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में पहुंच गया है। वहीं, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है। बृहस्पतिवार से कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे।
दिल्ली में आज से डीजल जेनरेटर पर रोक
दिल्ली-एनसीआर में लगातार जहरीली हो रही हवा के मद्देनजर बृहस्पतिवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू कर दिया है। GRAP अगले साल 15 मार्च तक प्रभावी रहेगा। इसके चार अलग-अलग चरणों में वायु प्रदूषण की विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के प्रावधान हैं।
ईपीसीए की तरफ से दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को साफ कह दिया गया है कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार ग्रेप के क्रियान्वयन में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ईपीसीए की सदस्य सुनीता नारायण कहना है कि कि दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के शहरी क्षेत्रों में भी डीजल जेनरेटर चलाने पर पाबंदी रहेगी। इनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, बहादुरगढ़, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा शामिल हैं।
वहीं, ईपीसीए अध्यक्ष भूरेलाल ने कहा है कि प्लास्टिक, रबड़ और प्रतिबंधित ईंधन का किसी कीमत पर इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा। रात्रि गश्त के लिए भी टीमों का गठन किया जा चुका है। नियमित निरीक्षण चल रहा है और कार्रवाई भी की जा रही है। कई औद्योगिक इकाइयों ने स्वच्छ ईंधन यानी पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस)का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। जिन इकाइयों में अब भी प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन का इस्तेमाल हो रहा है, उन्हें सील किया जाएगा। वायु प्रदूषण में एक बड़ा हिस्सा कूड़ा जलने से है, वहीं, जहां संभव हो सड़कों और गलियों में मशीनों के जरिए दिन और रात में झाड़ू लगाने की व्यवस्था की जाए। सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाए और धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए संभव कदम उठाए जाएं।
इन जरूरी सेवाओं में डीजल जेनरेटर की रहेगी अनुमति
- मेडिकल-अस्पताल/नर्सिंग होम/हेल्थ केयर फैसिलिटी
- एलिवेटर (लिफ्ट)/एक्सीलेटर
- रेलवे सर्विसेस/रेलवे स्टेशन
- दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ट्रेन और रेलवे स्टेशन पर
- एयरपोर्ट और इंटरस्टेट बस टर्मिनल (आइएसबीटी)
- नेशनल इन्फार्मेशन सेंटर (एनआइसी) के डाटा सेंटर