पानीपत/अंबाला। इस बार गर्मियों में वन विभाग पिछले दो साल का रिकॉर्ड तोड़ेगा। दरअसल, पर्यावरण संरक्षण को बनाए रखने के लिये वन विभाग इस बार गर्मियों में दस लाख पाैधे वितरित करेगा। जबकि पिछले दो साल में विभाग की तरफ से छह से सात लाख अलग-अलग प्रजातियों के पौधों की पौध तैयार की जा रही है। पहली बार ऐसा होगा तीन लाख पौधों की पौध एक्सट्रा तैयार की जाएगी। इससे जहां पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। वहीं लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक होंगे।
इन प्रजातियों के तैयार होंगे पौधे
वहीं जिले की 12 नर्सरियां नसीरपुर, रामपुर, जनसुई, मोहड़ा, बड़ागढ़, मानकपुर, छाेटी बस्सी, कोहड़ा बुढ़ा, धीन, साहा व अधोया नर्सरियों में नीम, बरगद, पीपल, पिलखन, कट सागवान, पपरी, कुसुम, चौकरसिया, मोलसिरी, बाकेन, बहेरा, शीशम, सफेदा, पोपुलर, राेहेरा, तून, टीक, सिंबल, अर्जुन, खैर, कीकर, डैंक, जंगल जलेबी, खैरी, फ्रांश, गुलमोर, सिल्वर ओक, आम, जामुन, अमरूद, अनार, इमली, पपीता आदि प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे।
2020 में पंचायत व संस्थाओं को बांटे गए पौधे
बता दें कि बीते साल 2020 में वन विभाग ने अपने जल शक्ति अभियान के तहत साढ़े छह लाख पौधों में से एक लाख दस हजार ग्राम पंचायतों व सामाजिक संस्थाओं को दिए थे। ये पौधे बिल्कुल मुफ्त वितरित किए गए थे। यही नहीं, पौधे वितरित करने के बाद विभाग के कर्मचारियों ने गांव-गांव जाकर लोगों को इनकी सुरक्षा के जिम्मेदारी की शपथ भी दिलाई थी। बता दें वन विभाग ने डेढ़ माह पहले कुछ गांवों का सर्वे किया था। इसमें ज्यादातर पेड़ टूटे मिले, कई जगहों पर पेड़ गायब और कुछ जगहों पर सूखे थे। इसके बाद विभाग ने पर्यावरण संरक्षण को बचाने के लिए मुहिम को चलाने का फैसला लिया है।