• December 13, 2024 5:18 am

अनजान क्यूआर कोड स्कैन करने पर भी खाते में लग सकती है सेंध,आरबीआई कर रहा सतर्क

ByPrompt Times

Sep 20, 2024
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रिजर्व बैंक ने हाल ही में ‘राजू और 40 चोर’ नामक पुस्तिका में आगाह किया है कि क्यूआर कोड स्कैन करने पर भी आपके साथ ठगी हो सकती है। कोड स्कैन करते हैं तो यूपीआई पिन डालने का विकल्प आता है। ठग यह पिन पूछकर डालते हैं और खाते से राशि निकल जाती है।

 

मध्य प्रदेश में प्रतिवर्ष ढाई से तीन लाख लोगों के साथ साइबर धोखाधड़ी होती है। इसमें लगभग 35 हजार वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायतें होती हैं। इसकी बड़ी वजह लालच है। कई लोगों के खाते इसलिए खाली हो जाते हैं, क्योंकि ठगों के ऑफर में वे सब भूल जाते हैं। कुछ सोचे-समझे बिना ठग जैसा कहता है वैसा ही करने लगते हैं।

 

अजनबी व्यक्ति के कंप्यूटर या लैपटाप में लगे मोबाइल चार्जर में मोबाइल नहीं लगाना चाहिए। कारण, ठग इस केबल के जरिए मोबाइल चार्जिंग के दौरान मोबाइल में सुरक्षित पासवर्ड और लागिन आईडी चुरा कर ठगी कर लेता है। मध्य प्रदेश साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया के ऐसे मामले प्रदेश में आते रहे हैं।

 

यह सावधानी रखें तो बचें रहेंगे ठगी से

लॉटरी फ्रॉड

लॉटरी निकलने के नाम पर ठग बदले में प्रोसेसिंग शुल्क मांगते हैं। लोग लुभावने ऑफर के लालच में उन्हें 10 से 25 हजार रुपये तक ऑनलाइन भुगतान कर देते हैं।

ऑनलाइन जॉब फ्रॉड

जॉब के लिए यहां-वहां दिए गए आवेदनों से आपकी जानकारी ठग तक पहुंच जाती है। ठग ह्यूमन रिसोर्स कंपनी के प्रतिनिधि बनकर जॉब देने का ऑफर देते हैं और ऑनलाइन पंजीयन शुल्क मांगते हैँ। शुल्क मिलने के बाद मोबाइल पर कोई जवाब नहीं मिलता। ऐसे में आवश्यक है कंपनी का एक बार सत्यापन कर लें।

इंश्योरेंस में स्पेशल ऑफर

ठग खुद को इंश्योरेंस कंपनी का प्रतिनिधि बताकर सिर्फ एक बार विशेष ऑफर का प्रलोभन देकर अपने खाते में राशि ट्रांसफर करा लेते हैं। जरूरी है कंपनी में बारे में अच्छे से पता करने के बाद ही निवेश करें।

ई-मेल से ठगी

 

ठग पहले आपके किसी रिश्तेदार का नाम पता कर उसके गंभीर बीमारी के उपचार के लिए उसी के मिलते-जुलते नाम से मेल कर राशि मांगते हैं। मेडिकल इमरजेंसी को देखकर लोग बिना पुष्टि किए दिए गए नंबर पर राशि डाल देते हैं। अगले दिन रिश्तेदार से हाल पूछते हैं तो पता चलता है ई-मेल फर्जी था। ऐसे में सबसे पहले पता करना चाहिए सही में कोई बीमार है या नहीं।

मैसेज एप बैकिंग फ्रॉड

जालसाज बैंकिंग सुविधाएं देने के नाम पर नया बैंकिंग एप लांच करने की बात कहते हैं। वह आपका मोबाइल नंबर पंजीकृत करने के लिए मैसेज भेजता है। इसके बाद वह सत्यापन के नाम पर डेबिट कार्ड की जानकारी मांगता है। इसके बाद ओटीपी मांगता है और पैसा निकाल लेता है। ऐसी कॉल में बैंक से बात किए बिना कोई प्रतिक्रिया नहीं दें। कार्ड का विवरण और ओटीपी साझा नहीं करें।

केस 1 – सीहोर में पदस्थ भोपाल के कोहेफिजा में निवासी एक सरकारी अधिकारी को स्टाक मार्केट में निवेश के संबंध में जानकारी देने के लिए मैसेज आए। ठग ने उन्हें वाट्सएप ग्रुप से जोड़ने के लिए एक लिंक साझा किया। उन्होंने लिंक पर क्लिक किया तो उनके खाते से नौ लाख 35 हजार रुपये निकल गए।

केस 2 – भोपाल में ही बावड़िया कला में रहने वाले एक व्यक्ति को फेसबुक पर ठग ने एक लिंक भेजा, जिसमें शेयर बाजार में कम अवधि के निवेश के बारे में टिप्स देने की बात कही गई थी। उन्होंने अपने मोबाइल पर लिंक को खोला तो खाते से 29 लाख 70 हजार रुपये निकलने का मैसेज आ गया।

 

SOURCE – PROMPT TIMES


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