भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले हफ्ते अमेरिका के दौरे पर जाएंगे. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, जयशंकर 24 से 28 मई तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे. बताया जा रहा है कि इस दौरान विदेश मंत्री की अमेरिकी लीडर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ वैक्सीन खरीदने को लेकर बातचीत हो सकती है.
वहीं अमेरिका पहले ही घोषणा कर चुका है कि वह अपने पास मौजूद स्टॉक से 80 मिलियन टीके जरूरतमंद देशों को बांटने जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिका के पास 60 मिलियन एस्ट्राजेनेका वैक्सीन और फाइजर, मॉडर्न और जॉनसन एंड जॉनसन COVID-19 वैक्सीन का स्टॉक है.
अमेरिका ने की भारत की मदद
अमेरिका COVID-19 वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई में सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है lयह पहले से ही बड़े ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, रेमेडिसविर जैसी महत्वपूर्ण दवाएं भारत को दे चुका है. साथ ही ये वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के लिए कच्चा माल प्रदान कर चुका है, जो कोविशील्ड का उत्पादन कर रही है l
जानकारी के मुताबिक, पिछले साल अक्टूबर में, भारत और दक्षिण अफ्रीका ने विश्व व्यापार संगठन के 57 सदस्यों के साथ कोरोनोवायरस की रोकथाम और उपचार के लिए ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों का प्रस्ताव रखा था.एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से मई की शुरुआत में लंदन में G7 विदेश मंत्री की बैठक के दौरान मुलाकात की. भारतीय-अमेरिकी संगठनों ने कोविड-19 से निपटने में भारत की मदद करने के लिए लाखों डॉलर एकत्रित किए हैं l
भारत के राजदूत के साथ चैंबर के संस्थापक की बैठक
‘अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन’ ने 2.5 करोड़ डॉलर, ‘सेवा इंटरनेशनल’ ने 1.7 करोड़ डॉलर और ‘इंडियास्पोरा’ ने 25 लाख डॉलर एकत्र किए. वहीं डलास स्थित ‘यूएस इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स’ ने हाल ही में 115 वेंटिलेटर और 800 ऑक्सीजन सांद्रक भी भारत भेजे l उसने अभी तक भारत की मदद के लिए 12 लाख डॉलर एकत्रित किए हैं lभारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू के साथ बैठक में ‘चैंबर’ के संस्थापक अध्यक्ष अशोक मागो ने कहा, ” भारत में स्थिति बेहद खतरनाक है. हालांकि भारत और भारत के लोग इससे उबर रहे हैं और हम सभी के सहयोग से जल्द ही वे बेहतर दिन देखेंगे” l