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एक प्लास्टिक के सहारे धूप व वर्षा के बीच जिदगी गुजार रहे हैं बाढ़ से विस्थापित परिवार

ByPrompt Times

Aug 3, 2020
एक प्लास्टिक के सहारे धूप व वर्षा के बीच जिदगी गुजार रहे हैं बाढ़ से विस्थापित परिवार

मधुबनी। बेनीपट्टी प्रखंड के पश्चिम भाग में माधोपुर गांव के सड़क पर बाढ़ से विस्थापित दो दर्जन परिवार विगत 19 दिनों से एक प्लास्टिक के सहारे धूप व वर्षा के बीच जिदगी गुजारने को विवश हैं। बाढ़ से विस्थापित लोगों की जिदगी अब बेदम होने लगी है। धीरे-धीरे बाढ़ का पानी फिर बढ़ने लगी है। शनिवार की रात व रविवार के दिन हुई मूसलाधार बारिश ने बाढ़ से विस्थापित परिवारों की बेचैनी बढ़ा दी। प्रखंड के माधोपुर गांव में माधोपुर एवं रजवा गांव के दो दर्जन विस्थापित परिवार सड़क के किनारे पॉलिथीन टांगकर रहने को विवश हैं। बाढ़ के पानी ने विस्थापित परिवारों को विवश व लाचार बना दिया है। एक ओर जहां घरों में पानी प्रवेश कर गया है वहीं दूसरी ओर अब घर कैसे खड़ा करेंगे की चिता सताने लगी है। बारिश ने विस्थापित परिवारों की मुसीबत बढ़ा दी है। सड़क के किनारे विस्थापित परिवार माल मवेशी के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं। माधोपुर गांव के योगी सदाय, भोगी सदाय, अवध सदाय, रामसकल सदाय, बिन्दे सदाय, प्रभु सदाय, सतन सदाय, सागर देवी, ललिता देवी, रामदुलारी देवी, तेतरी देवी, सविता देवी कहती हैं कि बाढ़ ने गरीब को दरिद्र बना दिया है। घर में बाढ़ का पानी है सभी सामान बर्बाद हो गया है। खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा। बाढ़ के पानी से गिरे घर कैसे बनाएंगे की चिता सता रही है। सड़क पर से ही बर्बादी का मंजर देख रहे हैं। सरकारी स्तर से महज एक प्लास्टिक की टूकड़ा मिला है। अपने तो किसी तरह आधे पेट खाकर भी रह जाएंगे लेकिन छोटे बच्चों व माल मवेशी के लिए परेशानी उत्पन्न हो रही है। एक वर्ष से कम उम्र वाले शिशु को दूध के अभाव में दाल का पानी पिलाकर पोषित किया जा रहा है। गरीब को देखने वाला कोई नहीं है। विगत एक सप्ताह से विस्थापित होकर सड़क पर जीवन गुजार रहे हैं। कोई खोज खबर लेने वाला नहीं है। वोट के समय हाथ जोड़कर आता है लेकिन संकट में कोई देखने वाला नहीं है।

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