धर्मशाला/पालमपुर/बैजनाथ :- बर्फबारी से धौलाधार की चोटियों पर सफेद चादर बिछ गई है। तापमान में गिरावट आने से जिला शीतलहर की चपेट में है। निचले क्षेत्रों में बारिश होने से किसानों के चेहरे पर रौनक लौट आई है। कृषि विभाग के विज्ञानी बारिश को गेहूं व अन्य फसलों तथा फलदार पौधों के लिए संजीवनी मान रहे हैं। उनका कहना है कि इस समय बारिश होने से गेहूं की बंपर फसल होने की संभावना है। धर्मशाला के साथ लगती पहाड़ियों, पालमपुर, बीड़ बिलिग व छोटा भंगाल घाटी की चोटियों पर बर्फबारी हुई है।
बीड़-बिलिग सड़क का आखिरी छह किलोमीटर हिस्सा बर्फबारी होने से बंद हो गया है। छोटा भंगाल घाटी ने भी बर्फ की चादर ओढ़ ली है। शुक्रवार को भी मौसम खराब रहा तो बर्फ निचले क्षेत्रों तक आ सकती है। बर्फबारी देखने के लिए वीरवार को कई लोगों ने बिलिग का रुख किया लेकिन सड़क पर बर्फ होने से उन्हें वाहन मोड़ने में काफी दिक्कत हुई। बरोट में बारिश के साथ बर्फ के फाहे गिरे। बैजनाथ के तत्तवानी, मनई धार क्षेत्र में भी बर्फबारी की सूचना है। बुधवार दिन में शुरू हुई बर्फबारी व बारिश वीरवार सुबह तक जारी रही। ठंड से बचने के लिए लोग दिनभर आग सेंकते रहे।
विज्ञानियों का कहना है कि इन दिनों गेहूं की फसल को सिचाई की आवश्यकता होती है। बारिश होने से गेहूं की अच्छी फसल होने की संभावना है।
जिले में गेहूं की फसल अभी छोटी है। समय पर पानी मिलने से गेहूं का पौधा अधिक टहनियां छोड़ता है और उत्पादन में वृद्धि होती है। बारिश से गेहूं की बंपर फसल होने की उम्मीद है।
-डा. पीसी सैनी, उपनिदेशक, कृषि विभाग
जान जोखिम में डाल लोग जा रहे हिमानी चामुंडा
संवाद सहयोगी योल : आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के कपाट चार माह के लिए बंद हैं लेकिन मौसम अनुकूल होने पर लोग जान जोखिम में डालकर मंदिर का रुख कर रहे हैं। बुधवार से चंद्रधार की पहाड़ी पर बर्फबारी हुई है। इससे मंदिर परिसर में चार से छह इंच तक बर्फ की परत जमी है। इसके बावजूद लोग मंदिर का रुख कर रहे हैं। रविवार को दो टोलियों में 15 के करीब युवा मंदिर में जा चुके हैं। मंदिर अधिकारी अपूर्व शर्मा ने लोगों से अपील की है कि वे इस मौसम में मंदिर का रुख न करें। बर्फबारी व अधिक ठंड के कारण वहां जाने से हादसा हो सकता है।