पलवल : कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा की किसानों ने कोरोना काल में भी देश की अर्थव्यवस्था को बहुत अच्छी तरह से संभाले रखा। दलाल ने कहा कि भविष्य में जरूरी है कि किसान परंपरागत खेती-किसानी को छोड़ कर फल, फूल, सब्जी व दलहनी खेती की तरफ अग्रसर हों। उन्होंने किसानों से कम पानी वाली फसल लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि अच्छी आमदनी के लिए धान की जगह फल, सब्जी एवं बागवानी के बाग लगाएं। कृषि मंत्री दलाल रविवार को गांव बहीन में आयोजित फलदार पौधारोपण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
पौधारोपण का कार्यक्रम केबीसी वेलफेयर सोसायटी पलवल द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका आधारित गैर-लाभकारी संस्था वन ट्री प्लांटेड एवं सामाजिक उद्यम सस्टेनेबल ग्रीन इनिशिएटिव के संयोजन में किया गया। मंत्री दलाल ने पौधारोपण व वितरण समारोह से पहले अमर शहीद दादा कान्हा की प्रतिमा पर माला पहना कर नमन किया तथा दादा कान्हा पार्क में पौधारोपण किया। उन्होंने गांव में स्थापित सार्वजनिक पुस्तकालय तथा बहीन की एतिहासिक गोशाला का दौरा भी किया। दलाल ने बारात घर से पौधारोपण संस्था के कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान नींबू, अनार, अमरूद, पपीता, जामुन, आंवला, सीताफल तथा कलौंजा के पौधे रोपे व वितरित किए गए। मंत्री ने दलाल ने संस्था के संयोजक सिचाई एवं जल संसाधन विभाग गुरुग्राम के एसई डॉ शिवसिंह रावत द्वारा फलदार पौधारोपण से पर्यावरण संरक्षण, किसानों की आमदनी बढ़ाने एवं स्वास्थ्य ठीक करने की पहल की प्रशंसा की। कार्यक्रम को हथीन के विधायक प्रवीण डागर ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में डॉ शिवसिंह रावत ने फलदार पौधों के महत्व की जानकारी देते हुए कहा कि फल वाले पौधे भुखमरी, गरीबी, प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन को रोकने में सहायक होते हैं। फल वाले पौधों से किसानों की आमदनी बढेगी तथा किसान आत्म निर्भर बनेगा। संस्था के एडवोकेट वेदराम रावत एवं हुक्मसिंह ने बताया कि पलवल जिले के लगभग 50 गांवों में एक लाख से ज्यादा फल वाले पौधे लगाए जाएंगे। बहीन, मलाई, मिडकोला, धतीर, औरंगाबाद एवं पृथला में पौधा वितरण सेंटर बनाए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि संस्था पहले भी जिले के गांवों में एक लाख से ज्यादा फल वाले पौधे लगवा चुकी है। इस अवसर पर मुख्य रूप से एसजीआइ के कैप्टन राजेंद्र सिंह, रामप्रसाद सरपंच, रतीराम, नांगल जाट से कान्हा, देवीराम, मास्टर रामजीलाल, विजय सरपंच, जवाहर सिंह, भीम सिंह मास्टर, विक्रम सौरोत, अभय सिंह, धर्मवीर, रवि, अंकुश ,बबीता, शमसुद्दीन, महबूब खान, नाजिम, हारूण, सोनू अहरंवा , विशाल तेवतिया, प्रवेश तेवतिया, कल्लू कोंडल मौजूद रहे।