सोनीपत : भीषण ठंड और बारिश के बीच कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। आंदोलनरत किसान 38 दिन से कुंडली बार्डर पर जीटी रोड जाम कर बैठे हैं। खुले आसमान के नीचे टेंट और ट्रैक्टर-ट्रालियों में बैठे किसान ठंड से बचने के लिए रोजाना नए इंतजामों में जुटे हैं। बारिश के कारण तिरपाल से काम नहीं चला तो आंदोलन स्थल पर किसानों ने रातोंरात पराली व बल्लियों से झोंपड़ियां बना ली। इसके लिए युवा किसानों ने रातभर आसपास के गांवों से पराली और अन्य छोटा-मोटा सामान एकत्रित किया। आंदोलन स्थल पर इस तरह की झोंपड़ियां बनाने का काम जारी है। उधर, ठंड के बावजूद पंजाब से किसानों का पहुंचना जारी है। छोटे बच्चों से लेकर महिलाएं व बुजुर्ग भी लगातार धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं।
- लगातार पहुंच रहे हैं उपले व लकड़ियां :
बढ़ती ठंड और बारिश को देखते हुए किसानों के लिए आंदोलन स्थल पर लगातार उपले व लकड़ियां पहुंचाई जा रही हैं। लंगर में भी अब खाना पकाने के लिए लकड़ियों का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है। इसके लिए पंजाब से गाड़ियों में भरकर लकड़ियां भेजी जा रही हैं। युवा किसान आसपास के गांवों से भी लकड़ियां व उपले इकट्ठे कर रहे हैं। आंदोलन स्थल पर कई जगहों पर अलाव भी जलाए गए हैं, जो 24 घंटे जलते रहते हैं।
- पद्मश्री बलबीर सिंह सिचेवाल भी पहुंचे :
पंजाब में पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले पद्मश्री से सम्मानित हो चुके संत बलबीर सिह सिचेवाल भी रविवार को किसानों को समर्थन देने के लिए कुंडली बार्डर पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि किसान देश के अन्नदाता हैं और उनकी मांग जायज है। सरकार को बिना देरी किए इनकी मांगों को मान लेना चाहिए।