असल में आपको बता दें की बीते हुए 2015 वर्ष में संदीप की सड़क हादसे में मौत हो जाती है, जिससे कमला परिवार में दुख का पहाड़ टूट पड़ा खुशियो का माहौल पल में शोक में तबदील हो गया। जिससे कमला परिवार में तनाव का माहौल बन गया था। किन्तु विजय चंद्र हिम्मत से काम लिए ओर परिवार में एकता बनाये रखा। उन्होंने अपनी बहू कविता के लिए लड़का देखना शुरू कर दिया। कविता की सहमति पर तेजपाल सिंह से उनकी शादी सुनिश्चित कर दी गई। विजय चंद्र ने कविता और तेजपाल सिंह की शादी कराई। विजय चंद्र अपनी बहू को बेटी बनाकर उसका कन्यादान करके बड़े धूम धाम से शादी करवाई।
कविता की माने तो उनका यह कहना है कि वह कभी भी अपने सास-ससुर को अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी, उन्होंने मुझे बहुत प्यार और सम्मान दिया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया मुझे कभी भी बहु नही हमेशा बेटी की तरह ही माना है और जब भी मैंने जिसकी मांग की, मेरी हर बात को मेरे ससुराल पक्ष ने पूरा किया। मुझे अपनी बेटी की तरह ही प्यार दिया। विजय चंद जैसे लोग बहुत ही कम देखने को मिलते है, जो अपने बहु को बेटी की तरह मानते है। समाज को से लोगो से प्रेरणा लेनी चाहिए।
वहीं विजय चंद बताते हैं कि जब हमारे बेटे का निधन हुआ तो उन्हें कई परेशानियो के साथ हर किसी की सलाह भी मिली कि हमें कविता को उसके घर वापस भेज देना चाहिए। क्योंकि बेटे के मृत्यु हो जाने के कारण लोगों की दृष्टि से कविता परिवार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रही है। लेकिन विजय चंद हमेशा अपनी बेटी सामान बहु के साथ खड़े रहे। उनका यह भी मनना है कि कविता की शादी उन्होंने अपनी बेटी के ही रूप में धूमधाम से की और उसका कन्यादान भी विधि पूर्वक किया। बताते चलें की की विजय चंद का यह भी कहना हैं कि हमारी बहू, हमारी बेटी की तरह है। वह दुनिया में सभी प्रकार के सम्मान और आशीर्वाद की हकदार हैं।