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दस साल बाद इकलौते बेटे से मिले पिता, जानिए लोग क्यों इस थानेदार की कर हैं तारीफ

ByPrompt Times

Sep 28, 2020
दस साल बाद इकलौते बेटे से मिले पिता, जानिए लोग क्यों इस थानेदार की कर हैं तारीफ

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के खजनी थानेदार के मृत्युंजय राय की पहल पर रविवार को एक पिता को दस साल पहले खोया अपना बेटा मिल गया। अपने इकलौते बेटे को आंखों के सामने जीवित देखकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पिता अपने बेटे को लेकर मध्यप्रदेश से गोरखपुर के लिए रवाना हो गए है।

इधर, उनके गांव बांसगांव के बेलूडीहा में भी चारों ओर खुशी का माहौल है। लोग गांव के बेटे के दस साल बाद वापस आने की खुशी पटाखे फोड़ व मिठाई बांट कर मना रहे हैं। गांव वाले बेटे के मध्यप्रदेश से आने पर स्वागत की तैयारी भी कर रहे हैं। साथ ही खजनी थानेदार की भी सराहना कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार बांसगांव के बेलूडीहा निवासी कल्पनाथ पांडेय का इकलौता बेटा राकेश पांडेय बीस वर्ष की उम्र में एक दिन अचानक घर से लापता हो गया। पिता एक वर्ष तक उसे दर-दर खोजते रहे। सभी रिश्तेदारों के यहां तलाश की। बांसगांव थाने में गुमशुदगी भी दी। सोशल मीडिया के जरिए फोटो डालकर भी खोजने की कोशिश की। लेकिन राकेश का कहीं कुछ पता नहीं चला।
टोल प्लाजा के मैनेजर ने दिखाई मानवीयता
कल्पनाथ पांडेय ने बहुत खोजबीन करने के बाद हार मान कर बेटे से मिलने की आश छोड़ दी थी। अचानक एक दिन खजनी थानेदार मृत्युंजय राय के पास मध्य प्रदेश के झाबुआ टोलप्लाजा के मैनेजर गोपी दूबे का फोन आया। गोपी दूबे ने थानेदार से बताया कि गूगल से नंबर निकालकर आपको फोन कर रहा हुं। मुझे गोरखपुर का एक युवक मिला है। जो अपना नाम राकेश पांडेय बता रहा है। उसने थानेदार को उसकी फोटो भी भेजी।

थानेदार मृत्युंजय राय ने पहले अपने थाने की गुमशुदगी चेक की। लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। फिर आसपास के लोगों से फोटो दिखाकर जानकारी जुटाई, तो पता चला कि यह युवक बांसगांव के बेलूडीहा का है। थानेदार बीते 25 सितंबर को युवक के घर पहुंचे और पिता को युवक की फोटो दिखाई। फोटो देखते ही पिता के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनके आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने युवक की पहचान अपने लापता बेटे राकेश के रूप में की।

पहचान होने के बाद पिता व गांव के चार लोग चार पहिया वाहन से मध्य प्रदेश के लिए निकल गए। रविवार की दोपहर पिता व उनके साथ गए लोग झाबुआ टोल प्लाजा पहुंचे। जहां उन्हें अपना खोया बेटा राकेश मिला। वर्तमान समय में राकेश की उम्र 30 वर्ष हो गई है। पिता से राकेश ने बताया कि वह काम के सिलसिले में निकल गया था लेकिन कहीं काम नहीं मिला। वह इस दौरान कई प्रदेशों में काम के लिए भटकता रहा। पिछले दो साल से वह मध्यप्रदेश के अलग- अलग शहरों में घूमता रहा।
 
पिता के अनुसार टोल प्लाजा के मैनेजर गोपी दूबे को राकेश घूमते हुए मिला था। वह उनसे खाना व काम मांग रहा था। इसपर गोपी दूबे ने राकेश के बारे में पूछा तो वह बताया कि गोरखपुर का रहने वाला है। जिसके बाद मैनेजर ने खजनी पुलिस को सूचना दी। राकेश को अपने साथ रखा, खाना खिलाया। यहां तक की जब उसके पिता व उनके साथ गए लोग वहां रविवार को पहुंचे तो सभी की आवाभगत की। बेटे को पाकर पिता ने वहां के लोगों को धन्यवाद कहा और कहा कि उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। इस दौरान वहां मध्यप्रदेश के नगर पालिका अध्यक्ष मनोहर लाल भटेवरा, पार्षद पति प्रवीण पावर, संजय मालवीय सहित तमाम लोग रहे।

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