इस दिवाली भारत के कई राज्यों ने पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। आइए जानते हैं कि किन-किन राज्यों में प्रतिबंध लगाए गए हैं।
दिवाली आ गई, 31 अक्टूबर को पूरे देश में दिवाली धूमधाम से मनाई जाएगी। घर सजाए गए हैं, पूजा-पाठ की तैयारियां चल रही हैं। पटाखें भी जलाए जाएंगे। बच्चे तो अभी से ही पटाखें फोड़ने में व्यस्त हो गए हैं। ये तो हो गई जश्न की बात अब चलिए जान लेते हैं कि पटाखों को लेकर किन-किन राज्यों में क्या आदेश जारी किए गए हैं। देश की राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए पूर्ण रूप से पटाखों पर बैन लगा दिया है। वहीं, कई अन्य राज्यों ने दिवाली के दौरान पटाखों को लेकर कुछ हद तक बंदिशें लगाई हैं। पर्यावरण संबंधी चिंताओं को देखते हुए, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु जैसे कई राज्यों में पटाखों को लेकर कई सख्त नियम लागू किए गए हैं। इन नियमों का उद्देश्य इस उत्सव की अवधि के दौरान वायु गुणवत्ता में गिरावट को कम करना है।
दिल्ली ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया
आमतौर पर हर सर्दियों में अपनी गंभीर वायु गुणवत्ता के लिए जानी जाने वाली, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने 1 जनवरी, 2025 तक पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसमें ऑनलाइन बिक्री भी शामिल है। हालांकि, शहर में केवल ‘ग्रीन क्रैकर्स’ की अनुमति है, जो कम हानिकारक हैं, वह भी दिवाली की रात 8 बजे से लेकर रात 10 बजे तक सिर्फ दो घंटों के लिए। गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर भी पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है। ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति इसलिए दी गई हैं, क्योंकि इनमें पटाखों में इस्तेमाल होने वाले बेरियम और लेड जैसे जहरीले रसायनों नहीं होते।
बिहार के कुछ शहरों में पटाखें हुए बैन
बिहार में पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर जैसे प्रमुख शहरों में सभी प्रकार के पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है – जिसमें ग्रीन क्रैकर्स भी शामिल हैं।
महाराष्ट्र ने पटाखे समते Sky Lantern पर भी लगाया बैन
महाराष्ट्र ने पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है और केवल ग्रीन क्रैकर्स की ही अनुमति दी गई है। जो नॉर्मल पटाखों की तुलना में लगभग 30% कम प्रदूषण पैदा करते हैं। इसके अलावा, मुंबई पुलिस ने 23 अक्टूबर से 24 नवंबर तक Sky Lantern के उपयोग और बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
कर्नाटक ने केवल ग्रीन क्रैकर्स को दी अनुमति
कर्नाटक सरकार ने दिवाली के दौरान केवल ग्रीन क्रैकर्स की ही अनुमति दी है और रात 8 बजे से 10 बजे के बीच सिर्फ दो घंटों के लिए पटाखे जलाने का सुझाव दिया है। हालांकि इसे लेकर अभी कोई औपचारिक प्रतिबंध जारी नहीं किया गया है।
पंजाब और हरियाणा सरकारों का पटाखों को लेकर कड़ा रुख
इस दिवाली पर पंजाब और हरियाणा सरकार ने भी पटाखों के इस्तेमाल को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। यहां की सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट और NGT के निर्देशों का पालन करते हुए दिवाली, गुरु पर्व, क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या सहित अन्य प्रमुख त्योहारों पर भी पटाखों के इस्तेमाल और बिक्री पर भी पाबंदी लगाई है। हरियाणा में, खासकर गुरुग्राम में, पटाखों को लेकर बहुत सख्ती की गई है। यहां भी नियम दिल्ली जैसे ही लागू किए गए हैं। हालांकि दिवाली और गुरु पर्व पर कुछ घंटों के दौरान, ग्रीन क्रैकर्स जलाने की अनुमति दी गई है।
तमिलनाडु में पटाखे जलाने के लिए निर्धारित किए गए टाइम स्लॉट्स
तमिलनाडु ने दिवाली के मद्देनजर वायु प्रदूषण से बचने के लिए एक अनोखा तरीका खोज निकाला है। जिसमें दिवाली के दिन पटाखों के लिए सुबह 6 बजे से सुबह 7 बजे तक और शाम 7 बजे से रात 8 बजे तक का टाइम स्लॉट निर्धारित किया गया है। तमिलनाडु पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (TNPCB) ने भी प्रदूषण और शोर के स्तर को कम करने के लिए जिम्मेदार पटाखों के उपयोग के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की है। जिसका पालन करना अनिवार्य है।
SOURCE – PROMPT TIMES