मंडी- हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण प्रोत्साहन परियोजना जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी द्वारा बहाव सिंचाई उपपरियोजना, सेफ से बनी ग्राम पंचायत चच्योट में वर्ष 2014 में 24 लाख 66 हजार रुपए की लागत से बनाई गई है। इस परियोजना का करीब 110 परिवारों को लाभ मिला है। जायका द्वारा मंडी जिला में सेफ से बनी नामक उपपरियोजना 20. 70 हेक्टेयर भूमि में संचालित है। यहां के किसानों की मुख्य नकदी फसले खरीफ में टमाटर है और रबी में मटर हैं। सेफ से बनी परियोजना के प्रगतिशील किसानों नंत राम, नागेंदर पाल, ज्ञान चंद, सोनू और प्रकाश चंद व्यवसायिक तौर पर सब्जी उत्पादन कर रहे हैं और जायका परियोजना का लाभ ले रहे हैं।
पिछले वर्ष किसानों ने मटर में एक बीघा से औसतन 25 से 30 हजार कमाए थे, इस वर्ष किसानों ने खरीफ मौसम में टमाटर की लाल सोना लगाया था, जिससे औसतन एक बीघा से 35-40 हजार रुपए कमाए। इस वर्ष रबी 2020 -21 में किसानों ने दस बीघा में अनुबंध कृषि से विदेशी सब्जी (लेटुस ) लगाया हुआ है, जो कि 60 -70 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकेगा, किसानों ने गोभी की हाइब्रिड किसम मेघा लगाई हुई है और किसान इस समय मटर बीजने की तैयारी कर रहे हैं। किसान इस वर्ष मटर की हाइब्रिड किस्म अंकुर लगाएंगे, जो कि इस क्षेत्र के जलवायु के अनुसार अच्छी पैदावार देता है। जायका द्वारा इस परियोजना में किसानों को 11 वर्मिपिट्स निःशुल्क दिए हुए हैं, जिसमें किसान केंचुआ खाद का निर्माण कर रहे हैं।
जायका द्वारा किसानों को ड्रिप इरीगेशन और स्प्रिंकलर इरीगेशन सिस्टम भी दिए हुए हैं और एक पॉलीहाउस भी दिया हुआ है, जो 105 मीटर सिक्योर क्षेत्र में लगा हुआ है, जिसकी कुल लागत एक 66 हजार 150 रुपए है, जिसमें जायका द्वारा दिया हुआ ड्रिप इरीगेशन से सिंचाई की जा रही है। पिछले साल पोलीहाउस में नंत राम ने टमाटर लगाया गया था, जिससे 40 हजार रुपए मुनाफा कमाया था और इस समय उन्होंने लाल सोना टमाटर की किस्म लगाई है। हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना, जापान इंटरनेशनल कोर्पोरशन एजेंसी के सहयोग से हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में लागू की गई है। इस परियोजना के माध्यम से जिला मंडी में 62 उपपरियोजनाओं में 1261.46 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देना व किसानों की आय को बढ़ाना है । हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के तहत मंडी उपमंडल में कुल 33 उपपरियोजनाओ में 872.02 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।