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फूलों की खेती किसानों के जीवन में ला रही बहार

ByPrompt Times

Nov 9, 2020
फूलों की खेती किसानों के जीवन में ला रही बहार

बेहरी। गेंदा, गुलाब व अन्य फूलों की खेती करने वाले किसानों को दीपावली पर्व का इंतजार रहता है। साल में यह समय ऐसा होता है, जब फूल अधिक बिकते हैं और भाव भी अच्छे मिलते हैं। बेहरी व आसपास के क्षेत्र में कई किसान फूलों की खेती करते हैं। अधिकतर किसान गेंदे की खेती करना पसंद करते हैं और ये फूल ही इनके जीवन में बहार लाते हैं। इस बार भी फूल उत्पादक किसानों को अच्छे व्यावसाय की उम्मीद है।

बेहरी में कई किसान वर्षों से फूलों की खेती करते आ रहे हैं। हालांकि फूलों की खेती आठ माह की होने से दूसरी फसल लेने में इन्हें परेशानी होती है। फिर भी अच्छी कमाई होने से घाटे की भरपाई हो जाती है। जिन किसानों के यहां सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी है, वे इन्हें निकालकर गेहूं-चने की खेती भी कर लेते हैं। जिनके यहां पानी की कमी है, वे सिर्फ फूलों की खेती पर ही निर्भर है। फूलों की खेती करने वाले रामसिंह बागवान ने बताया कि इस बार गेंदे के फूल आरंभ में 40 रुपये किलो में बिक रहे थे। जैसे-जैसे दीपावली पर्व नजदीक आ रहा है, भाव बढ़ रहे हैं। फिलहाल बेहतर क्वालिटी का गेंदा फूल 80 रुपये किलो में बिक रहा है। दीपावली तक इसके 100 रुपये किलो तक बिकने की उम्मीद है। रामसिंह के अनुसार फूलों की मांग ग्यारस तक अधिक रहेगी। कुछ किसानों ने अगस्त माह में गुलदावरी के पौधे लगाए थे। इनमें भी फूल आना शुरू हो चुके हैं। बीच-बीच में पौधों को पानी मिलता रहेगा तो ये जनवरी तक फूल देते रहेंगे।

अन्य शहरों में भी जाता है बिकने

यहां का फूल देवास, इंदौर, उज्जैन तथा गुजरात भी जाता है। हाटपीपल्या व आसपास के नगरीय क्षेत्र में भाव कम मिलते हैं, इसलिए देवास-इंदौर व अन्य स्थानों पर फूल पहुंचाए जा रहे हैं। इस वर्ष यहां के फूल राजकोट गुजरात तक पहुंच गए। राजकोट तक बस की सुविधा मिल जाने से रामसिंह चार से पांच बार गेंदा फूल राजकोट की मंडी तक पहुंचा चुके हैं। आठ दिन पूर्व ही यहां के फूल 80 रुपये किलो के हिसाब से बिके थे। रामसिंह ने बताया कि यह खुशी की बात है कि हमारे यहां के फूल गुजरात में भी सुंगध फैला रहे हैं।

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