- भाजपा अजा मोर्चा इस घटना की जाँच के लिए एक दल भेजकर तथ्यों की जानकारी लेने के बाद शासन-प्रशासन के रवैये के ख़िलाफ़ आंदोलन की रणनीति बनाएगा
- अजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक मार्कण्डेय का आरोप- जबसे प्रदेश में कांग्रेस सरकार आई है, अजा वर्ग के प्रति अन्याय व दुर्भावनापूर्वक काम किए जा रहे
- निर्माण कार्य शुरू होने से पहले चर्चा करके आपत्तियाँ दूर कर लेनी थी, अब तोड़फोड़ करके जनभावनाओं व धार्मिक आस्था को रौंदकर प्रदेश सरकार क्या संदेश दे रही है?
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक नवीन मार्कण्डेय ने कवर्धा ज़िले के धर्मपुरा में शुक्रवार को जैतखाम से लगकर निर्माणाधीन सामाजिक धर्म-भवन को बलपूर्वक तोड़े जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि इस घटना ने प्रदेश सरकार के अजा विरोधी चरित्र को भी बेनक़ाब कर दिया है। श्री मार्कण्डेय ने कहा कि प्रदेश सरकार के इशारों पर प्रशासन जिस तरह अजा वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहा है, उसके ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की जाएगी।
भाजपा अजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक श्री मार्कण्डेय ने कहा कि भाजपा अजा मोर्चा इस घटना की जाँच के लिए एक दल भेजकर तथ्यों की जानकारी लेगा और फिर पार्टी नेतृत्व के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार व प्रशासन के रवैये के ख़िलाफ़ आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। श्री मार्कण्डेय ने कहा कि धर्मपुरा में भवन तोड़ने पहुँचे पुलिस बल ने ज़ोर-ज़बर्दस्ती करके आतंक क़ायम करने की कोशिश की और तोड़फोड़ का विरोध कर रहे अजा वर्ग के पुरुषों व महिलाओं के साथ मारपीट तक की गई, उनका गला दबाकर आतंक फैलाया गया और मारपीट व बलप्रयोग में घायल लोगों का देर तक चिकित्सकीय परीक्षण भी नहीं कराया गया। श्री मार्कण्डेय ने ज़िला प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए इस मामले में दोषी अधिकारियों पर क़ारगर कार्रवाई की मांग की।
भाजपा अजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक श्री मार्कण्डेय ने कहा कि जबसे प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है, अजा वर्ग के प्रति अन्याय व दुर्भावनापूर्वक काम किए जा रहे हैं। राज्योत्सव के समय गुरु घासीदास अलंकरण की घोषणा नहीं की गई, शोध पीठ बंद कर दी गई, अजा वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ाने का वादा करके अब तक अमल नहीं किया गया, गुरु घासीदास की जन्मस्थली के दर्शनार्थ जाने पर रोक लगा दी गई और अब समाज के निर्माणाधीन भवन को तोड़ने की कार्रवाई की गई। श्री मार्कण्डेय ने कहा कि लोकहित की ज़गहों को संरक्षित रखना सरकार का दायित्व है। भवन को लेकर शासन-प्रशासन को निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही चर्चा करके आपत्तियों का निवारण कर लेना था, लेकिन भवन बनकर लगभग पूरा होने को आया, तब इस तरह तोड़फोड़ करके जनभावनाओं व धार्मिक आस्था को रौंदकर प्रदेश सरकार क्या संदेश दे रही है?