26-जुलाई-2021 | हरियाणा के हिसार जिले में सामने आए खेल प्रमाण पत्रों के फर्जीवाड़े में लगातार नई परतें खुल रही हैं। खेल विभाग ने डायरेक्टर के आदेशों के बाद अपने लेवल पर ग्रेडेशन के सर्टिफिकेट की जांच करनी शुरू की तो करीब 44 फीसदी सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए। फिलहाल विभाग ने 2018 से 21 तक जारी हुए 5700 सर्टिफिकेट की जांच की है, जिसमे से 2500 फर्जी पाए गए हैं।
खेल विभाग के डायरेक्टर आईपीएस पंकज नैन ने इस मामले की एक फाइल मुख्यमंत्री और खेल मंत्री को भेज दी है। नैन के अनुसार, इस मामले की गहन और गम्भीर जांच के लिए स्टेट विजिलेंस व रिटायर्ड जज से जांच करवाने के लिए भी लिखा है। फर्जीवाड़ा कैसे किया गया व इसमें कौन-कौन शामिल हैं इसका पता उच्चस्तरीय जांच के बाद ही लग पाएगा।
4 खेलों में जारी हुए सबसे ज्यादा फर्जी सर्टिफिकेट
जांच में यह भी सामने आया कि फर्जीवाड़े में उन खेलों के सबसे ज्यादा सर्टिफिकेट जारी हुए हैं, जिनमें लोगों की रुचि कम होती है। थ्रोबॉल, सॉफ्टबॉल, ताइक्वांडो, कराटे जैसे खेलों के सबसे ज्यादा फर्जी सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। इसके इलावा फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने के लिए एक ही तारीख में एक ही जिले से 200 तक खिलाड़ियों का खेलों में चयन दिखाकर साल में 2 बार स्टेट चैंपियनशिप दिखाई गई है। विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं कि ये खेल सिर्फ कागजों में ही हुए हैं।
डी ग्रुप की भर्तियों से शुरू हुई थी जांच
डी ग्रुप की भर्तियों के समय सबसे ज्यादा खेल कोटे से आवेदन प्राप्त हुए थे। इसके बाद ही सर्टिफिकेट की जांच होनी शुरू हुई। जांच पूरी होने तक कई फर्जी खिलाड़ी तो इन सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरियां भी पा गए थे, जिनको बाद में बर्खास्त किया गया। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद विभाग ने जिला लेवल पर खेल सर्टिफिकेट जारी करने के नियम में संसोधन करके डिप्टी डायरेक्टर को सर्टिफिकेट जारी करने की पॉवर दे दी।
Source;-“दैनिक भास्कर”