सोनीपत। कुंडली बॉर्डर धरनास्थल पर मौसम के अनुसार खाद्य पदार्थों का मेन्यू बदल रहा है। जहां सर्दी में जलेबी, सूप, पकोड़े खिलाए जा रहे थे, वहीं अब मौसम बदले ही ठंडाई व मैंगो शेक के साथ ही गन्ने का रस शुरू हो गया है। इसके लिए हरियाणा व पंजाब के किसानों ने स्टॉल लगा दिए हैं। इसके साथ ही गर्मी से बचने के लिए फूंस व बांस की झोपड़ी बनाई गई है और उनमें तिरपाल की जगह जाली लगाई गई है। इस तरह ही धरनास्थल पर मच्छरों से बचने के लिए टिन शेड में एक साथ काफी बिस्तर लगाए गए हैं और उनपर मच्छरदानी लगा दी गई है। इस तरह से पूरी व्यवस्था मौसम बदलने के बाद शुरू हो गई है।
कुंडली बॉर्डर धरनास्थल पर व्यवस्थाएं भी मौसम के अनुसार हो रही है। जहां सर्दी में कंबल व गद्दे किसानों को दिए गए, जिससे वह सर्दी से बच सके। वहीं बारिश होने पर वाटरप्रूफ टेंट व तिरपाल किसानों को बांटी गई, जिससे बारिश में परेशानी से बच सके। वहीं अब गर्मी आने पर टेंट की जगह झोपड़ी बननी शुरू हो गई है और वहां अधिकतर किसानों ने झोपड़ी बना डाली है, जिससे उनमें धूप होने पर गर्मी नहीं लग सके। इसके साथ ही किसानों ने गर्मी से बचने के लिए फ्रिज व कूल मंगवाने शुरू कर दिए है तो किसी ने एसी भी लगवा लिए है। गर्मी में बत्ती गुल होने से परेशानी नहीं हो, उसके लिए जनरेटर की व्यवस्था भी कर रहे है। इस तरह से किसान पूरी व्यवस्था में जुटे हुए है और गर्मी में किसी तरह की परेशानी नहीं होने देने की बात कही जा रही है।
खापों के साथ ही पंजाब के किसानों ने संभाली जिम्मेदारी
कुंडली बॉर्डर धरनास्थल पर पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी आंतलि, चौबीसी, दहिया खाप, सरोहा खाप समेत अन्य कई खापों ने संभाली हुई है तो वहां पंजाब के किसान भी सेवा करने में जुटे है। वहां करीब 30 जगह लंगर की व्यवस्था की गई है, जबकि हर 100 मीटर पर पेयजल की सेवा की जा रही है। इसके साथ ही जूस, मैंगो शेक, ठंडाई के लिए किसानों की लंबी लाइन लग रही हैं। यहां पर बने अस्थाई अस्पताल में दवाओं का स्टॉक भी बदल गया है। डायरिया व पेट से संबंधित अन्य बीमारियों की दवाईयां अस्पताल में पहुंचाई गई है।
पंजाब से शुरू हुई यात्रा कुंडली बॉर्डर पर पहुंची
पंजाब के करीब 50 युवकों ने दो दिन पहले फतेहगढ़ के गुरुद्वारा के पास से यात्रा शुरू की थी। इस यात्रा में शामिल युवक पैदल चलते हुए बुधवार को कुंडली बार्डर पर पहुंचे और यहां किसानों को समर्थन दिया। इस यात्रा में शामिल युवकों ने मंच से बोलते हुए कहा कि सरकार किसानों की आवाज को अनसुना कर रही है और उनके हितों को अनदेखा कर रही है। यही कारण है कि उन्होंने टॉर्च रिले यात्रा निकालकर सरकार को सांकेतिक रूप से रास्ता दिखाने का निर्णय लिया था।