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साबरमती से PM ने अमृत महोत्सव की शुरुआत की- बोले- हम इतिहास बनते देख रहे-और इसका हिस्सा भी बन रहे

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Mar 13, 2021
साबरमती से PM ने अमृत महोत्सव की शुरुआत की- बोले- हम इतिहास बनते देख रहे-और इसका हिस्सा भी बन रहे

अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम पहुंचे। यहां से पीएम मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत की। इस दौरान पीएम ने आजादी के अमृत महोत्सव की वेबसाइट लॉन्च की। पीएम मोदी मार्च यात्रा को भी हरी झंडी दिखाई। इस पैदल मार्च में 81 लोग 386 किमी की यात्रा कर 5 अप्रैल को दांडी पहुंचेंगे। इस मौके पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद पटेल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद हैं। मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम के हृदय कुंज में महात्मा गांधी की तस्वीर को माला अर्पित की।

पीएम मोदी ने इस मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित भी किया। पीएम ने कहा, हम इतिहास बनते भी देख रहे हैं और इतिहास का हिस्सा भी बन रहे है। उन्होंने कहा, आजादी के अमृत महोत्सव का पहला दिन है। अमृत महोत्सव, 15 अगस्त 2022 से 75 सप्ताह पूर्व शुरू हुआ है और 15 अगस्त 2023 तक चलेगा। पीएम ने कहा, मैं इस पुण्य अवसर पर बापू के चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। मैं देश के स्वाधीनता संग्राम में अपने आपको आहूत करने वाले, देश को नेतृत्व देने वाली सभी महान विभूतियों के चरणों में नमन करता हूं, उनका कोटि-कोटि वंदन करता हूं।

पीएम ने 5 स्तंभों का किया जिक्र
पीएम ने कहा, आजादी का संघर्ष, विचार, उपलब्धियां, कार्रवाई और संकल्प। ये पांचों स्तम्भ आजादी की लड़ाई के साथ साथ आजाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे।

पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातेंपीएम ने कहा, आजादी का अमृत महोत्सव यानी- आजादी की ऊर्जा का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी – स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी – नए विचारों का अमृत। नए संकल्पों का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी – आत्मनिर्भरता का अमृत।

उन्होंने कहा, पीएम ने कहा, हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आंका गया। हमारे यहां नमक का मतलब है- ईमानदारी। हमारे यहां नमक का मतलब है- विश्वास। हमारे यहां नमक का मतलब है- वफादारी। हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है। ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है। ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहाँ श्रम और समानता का प्रतीक है।

उस दौर में नमक भारत की आत्मनिर्भरता का एक प्रतीक था। अंग्रेजों ने भारत के मूल्यों के साथ साथ इस आत्मनिर्भरता पर भी चोट की। भारत के लोगों को इंग्लैंड से आने वाले नमक पर निर्भर हो जाना पड़ा। गांधी जी ने देश के इस पुराने दर्द को समझा, जन-जन से जुड़ी उस नब्ज को पकड़ा। और देखते ही देखते ये आंदोलन हर एक भारतीय का आंदोलन बन गया, हर एक भारतीय का संकल्प बन गया।

उन्होंने कहा, 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी का विदेश से लौटना, देश को सत्याग्रह की ताकत फिर याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का पूर्ण स्वराज्य का आह्वान, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का दिल्ली मार्च, दिल्ली चलो का नारा कौन भूल सकता है।

पीएम मोदी ने लॉन्च की वेबसाइट
पीएम मोदी ने साबरमती आश्रम में लिखा ये संदेश

पीएम मोदी आजादी के अमृत महोत्सव से संबंधित अनेक सांस्कृतिक व डिजिटल कार्यक्रमों का भी उद्घाटन किया।

साबरमती आश्रम में पीएम मोदी।
पीएम मोदी ने अमृत महोत्सव के तहत अभय घाट पर तस्वीरें, मैग्जीन और अन्य प्रदर्शनी को देखा।

पीएम ने की Vocal For Local अपनाने की अपील
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा, आज साबरमती आश्रम से अमृत महोत्सव की शुरुआत हो रही है। यहां से दांडी मार्च शुरू होगा। भारत के लोगों के बीच गर्व और आत्मनिर्भरता की भावना को आगे बढ़ाने में मार्च की अहम भूमिका थी। Vocal For Local अपनाना बापू और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को अद्भुत श्रद्धांजलि होगी।

क्या है आजादी के अमृत महोत्सव का उद्देश्य?
अगले साल आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में 75 हफ्ते पहले अमृत महोत्सव की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत देश के 75 स्थानों पर 15 अगस्त 2022 तक कार्यक्रम होंगे। इसमें युवा पीढ़ी को 1857 से 1947 तक के बीच चले स्वतंत्रता संग्राम की जानकारी देने और आजादी के 75 साल में देश के विकास और आजादी के 100 साल पूरे होने तक विश्वगुरु भारत की तस्वीर दिखाई जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी किया है।
12 मार्च 1930 को निकाला गया था दांडी मार्च
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में नमक सत्याग्रह या दांडी मार्च को अहम घटना माना गया है। इस आंदोलन ने अंग्रेजी हुकूमत को हिलाकर रख दिया था। महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को 78 सत्याग्रहियों के साथ अहमदाबाद के साबरमती आश्रम दांडी तक पैदल मार्च किया था। रास्ते में दो सत्याग्रही और शामिल हुए थे।

इतना ही नहीं गांधी जी ने 6 अप्रैल 1930 को अंग्रेजों के नमक कानून के विरोध में सांकेतिक तौर पर नमक बनाकर कानून तोड़ा था। इसके बाद उन्हें और अन्य सत्याग्रहियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

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